
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नैतिकता एक तरल अवधारणा है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होती है. उन्होंने कहा कि देश में सैकड़ों युवा केवल ऑनर किलिंग के कारण मार दिए जाते हैं.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में सैकड़ों युवा ऑनर किलिंग के कारण केवल इसलिए मार दिए जाते हैं क्योंकि वे किसी से प्यार करते हैं या अपनी जाति के बाहर या अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ शादी करते हैं.
CJI शनिवार को मुंबई में बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कानून और नैतिकता पर अशोक देसाई मेमोरियल के दौरान व्याख्यान में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने साल 1991 में उत्तर प्रदेश की एक घटना का जिक्र किया जिसमें एक 15 वर्षीय लड़की की उसके माता-पिता द्वारा हत्या कर दी गई थी.
CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “इस घटना से संबंधित एक लेख में कहा गया था कि ग्रामीणों ने इसे अपराध के तौर पर स्वीकार किया. उनका ये कृत्य उनके लिए स्वीकार्य और न्यायोचित था. क्योंकि वो जिस समाज में रहते थे, उन्होंने उस समाज की आचार संहिता का पालन किया. हालांकि, क्या यह आचार संहिता है जो तार्किक लोगों द्वारा सामने रखी गई होगी?”
उन्होंने कहा, “हर साल प्यार करने, या अपनी जाति से बाहर शादी करने या अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध शादी करने के कारण कई लोग मारे जाते हैं.” CJI के मुताबिक, नैतिकता अक्सर समाज के वर्चस्व प्राप्त समूहों द्वारा तय की जाती है.
CJI के हवाले से बार एंड बेंच ने कहा, कि CJI चंद्रचूड़ कह रहे हैं, “आचार संहिता या नैतिकता कौन तय करता है? वर्चस्व प्राप्त समूह, जो कमजोर लोगों पर हावी होते हैं. कमजोर समूहों को सामाजिक संरचना के नीचे रखा गया. उनकी सहमति भले ही एक मिथक है.”









