लखनऊ. हजरतगंज इलाके में बिल्डिंग हादसे में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन लखनऊ के इतिहास का पहला सबसे बड़ा ऑपरेशन है जो 11 घंटे बीतने के बाद भी लगातार जारी है. लखनऊ बिल्डिंग हादसे में मानवता के आगे भूख प्यास ने घुटने टेक दिए हैं. ऐसा इसलिए भी संभव हो सका है क्योंकि लोगों की जान बचाने वाले और हादसे के बाद देवदूत बनकर उभरी NDRF और SDRF की टीमें लगातार जिंदगियां बचाने के लिए डटे हुए हैं.
पिछले 11 घंटे से भी ज्यादा समय से लगातार चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF-SDRF कर्मयोद्धाओं की तरह जुटे हुए हैं.अबतक के सबसे बड़े ऑपरेशन में हर चुनौती से ऊपर सम्भावनाएं नजर आ रही हैं. घने अंधेरे के बीच पथरीले रास्तों में दबी जिंदगियो के लिए NDRF-SDRF कर्मयोध्या उम्मीद की किरण बनकर आए हैं.
विषम और बेहद ही संवेदनशील ऑपरेशन में जिंदगी बचाने के लिए राष्ट्र के ये कर्मयोद्धा निरंतर अपने कर्तव्यपथ पर जुटे हुए हैं और लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं. NDRF-SDRF पथरीले मलबे में दबी जिंदगियो को बचाने के टीम क़रीब पहुंची। रेस्क्यू टीम में निरंतर डटे कर्मयोद्धाओं को भारत- राज्य सरकार सम्मानित करेगी। ऑपरेशन जिंदगी की मॉनिटरिंग में खुद सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मलबे में दबी जिंदगियों को बचाने के करीब टीम पहुंच चुकी है।
अब तक 14 लोगों को निकाला गया सुरक्षित
मलबे से 2 और महिलाओं का रेस्क्यू किया गया। महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। NDRF और SDRF की टीम को बड़ी सफलता मिली है। मलबे से अब तक 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मलबे में फंसे अन्य लोगों का रेस्क्यू लगातार जारी है। शाहजहां नाम की बुजुर्ग महिला को निकाला गया। ये बुजुर्ग महिलाअपार्टमेंट में काम करने आई थी। आफरीन नाम की महिला को सुरक्षित निकाला गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी, NDRF और SDRF की दर्जनों टीमें जुटी हुई हैं।