
लखनऊ- आज देश भर में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान परशुराम को विष्णु भगवान का छठा अवतार माना जाता है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म दुष्टों का नाश करने के लिए हुआ था. भगवान परशुराम ने समानता और न्याय पर जोर दिया.
भगवान परशुराम ने युद्ध द्वारा अपनी वीरता को परिभाषित किया. उन्हें भार्गव राम, जमदग्न्य राम के नाम से भी जाना जाता है. भगवान परशुराम ऋषि जमदग्नि के पुत्र थे. उनकी माता का नाम रेणुका था. उनका जन्म वैशाख मास, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था. इसी के चलते आज देश भर में परशुराम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इसको लेकर पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई बड़े नेताओं ने शुभकामनाएं दीं हैं.


हैहयवंशी राजाओं से युद्ध…
अक्सर लोग चर्चा करते हैं भगवान परशुराम ने 21 बार धरती को क्षत्रियविहीन किया. लेकिन यह धारणा गलत है. भृगुक्षेत्र के शोधकर्ता साहित्यकार शिवकुमार सिंह कौशिकेय के अनुसार जिन राजाओं से परशुराम का युद्ध हुआ उनमें से हैहयवंशी राजा सहस्त्रार्जुन व उनके सगे मौसा थे. इनके साथ भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ॠषि से कामधेनु को लेकर विवाद था.
परशुराम के परिवार पर हैहयवंशीय राजाओं ने अत्याचार किया. भार्गव और हैहयवंशियों की पुरानी दुश्मनी चली आ रही थी. हैहयवंशियों का राजा सहस्रबाहु अर्जुन ऋषियों पर अत्याचार करता था. सहस्रबाहु ने ऋषि जमदग्नि की कामधेनु गाय को बल पूर्वक छीन लिया. इसी का बदला लेने के लिए भगवान परशुराम ने अत्याचारी सहस्रबाहु का वध किया.









