
देश में पहलवानों के द्वारा मंत्री ब्रजभूषण के खिलाफ किये जा रहे प्रदर्शन पर अब राजनीतिक हलचलें भी शुरू हो गयी हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने बुधवार को पहलवानों के समर्थन में आने की अपील की। उन्होंने ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा सरकार दोषियों को बचने का प्रयास कर रही हैं।
प्रियंका गाँधी ने अपने ट्वीट में कहा, “खिलाड़ी देश का मान होते हैं। देश उन पर गर्व क्यों करता है? क्योंकि तमाम मुश्किलों के बावजूद अथक मेहनत और बहुत कुछ सहकर जब वे पदक जीतते हैं, तो उनकी जीत में हमारी जीत होती है, देश मुस्कुरा उठता है। महिला खिलाड़ियों की जीत बाकियों से बड़ी होती है। वे देश की संसद के बगल की सड़क पर आँखों में आँसू लिए बैठी हैं। लंबे समय से चल रहे शोषण के खिलाफ उनकी शिकायत कोई सुन नहीं रहा।”
उन्होंने आगे कहा, “मजबूत बाजुओं मगर भोले दिल की इन लड़कियों ने यकीन किया जब इनसे सरकार ने कहा कि जाँच होगी। मगर जाँच नहीं हुई। सजा का प्रश्न ही नहीं उठा। क्या सरकार दोषियों को बचाना चाहती है। किसका दबाव है दिल्ली पुलिस पर? क्यों इसी पुलिस द्वारा विपक्ष के नेताओं पर भारत जोड़ो यात्रा में किसी लड़की का दर्द सुनने पर पूछताछ की जाती है, मगर देश का मान बढ़ाने वाली खिलाड़ियों की गुहार अनसुनी कर दी जाती है।”
एक पार्टी और उसके नेताओं का घमंड जब आसमान चढ़ जाता है तब ऐसे ही आवाजों को कुचला जाता है। आइये अपनी इन बहनों का साथ दें। यह देश के मान की बात है।
यहां देखें कि वे विरोध क्यों कर रहे हैं:
- प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। हालांकि इस मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
- प्राथमिकी दर्ज करने के बारे में पूछने पर, कनॉट प्लेस के एसएचओ ने शिकायतकर्ताओं से कहा कि वह गारंटी नहीं दे सकते कि प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, उन्होंने दावा किया।
- उन्होंने आगे कहा कि महान मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय पैनल ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. हालांकि, सरकार ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया।
- प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि बृजभूषण शरण सिंह, जो कि भाजपा सांसद भी हैं, इतने गंभीर आरोपों के बावजूद महासंघ चला रहे हैं। इसलिए, उन्होंने पहलवानों के भविष्य के प्रशिक्षण के लिए नए कोच और फिजियो की मांग की।
- शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उनके बार-बार प्रयास करने के बावजूद उन्हें सरकारी अधिकारियों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी।









