मृतक की आत्मा की शांति के लिए ग्रामीण नही करेंगे तेरहवीं, वजह जानकर हर कोई है हैरान….

लेकिन धर्म की नगरी काशी के एक गांव में ऐसा अब नही होगा। ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि गांव में किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद उसकी तेरहवीं नही मनाया जाएगा।

वाराणसी। किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसकी आत्मए की शांति के लिए सनातन परंपरा के अनुसार तेरहवीं करवाया जाता है। तेरहवीं में ब्राह्मणों के साथ ग्रामणों को भोज करवाया जाता है, लेकिन धर्म की नगरी काशी के एक गांव में ऐसा अब नही होगा। ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि गांव में किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद उसकी तेरहवीं नही मनाया जाएगा। तेरहवीं में आने वाले खर्च को गांव के गरीब बच्चो की पढ़ाई और गांव में पौधारोपण पर खर्च किया जाएगा। यह फैसला वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के वाजिदपुर गांव के लोगो ने सामूहिक रूप से लिया है।

ग्रामीणों का फैसला आग की तरह क्षेत्र में फैली, हो रही है फैसले की सराहना

वाराणसी के हरहुआ विकासखंड के वाजिदपुर गांव के पंचायत भवन में सामूहिक रूप से बैठक कर ग्रामीणों के द्वारा व्यक्ति की मौत के पश्चात तेरहवीं न मनाए जाने का फैसले की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई है। जो भी ग्रामीणों के द्वारा लिए गए इस निर्णय को सुन रहा कि तेरहवीं के स्थान पर गरीब बच्चो की पढ़ाई और पौधारोपण पर पैसे खर्च होंगे, वह इस निर्णय की सराहना कर रहा है। लोगो की माने तो वाजिदपुर के ग्रामीणों ने जो फैसला लिया है, वह समाज के लिए नजीर है। इस फैसले से न केवल उस गांव के बच्चे शिक्षित होंगे बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित होगा। क्योंकि जो पौधारोपण मृतक के आत्मा की शांति के लिए लगाया जाएगा उसकी देखभाल उनके परिजन करेंगे।

पौधे के रूप में जिंदा रहेगा मृतक, सभी को मृतक रहेगा याद

वाजिदपुर के ग्राम प्रधान लालमन यादव और जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव की अगुवाई में लिए गए इस फैसले को लेकर ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों की माने तो तेरहवीं करवाने में बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं और कई व्यक्ति तो ऐसे हैं जो कर्ज में डूब जाते हैं। ऐसे में इस फैसले के बाद गांव में शिक्षा बढ़ेगी और पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव ने इस मौके पर कहा कि जिनका निधन हो जाएगा उनके नाम पर पौधारोपण किया जाएगा और वह हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। इसके साथ ही आने वाली पीढ़ी भी पौधे के रूप में उन्हें याद रखेगी।

रिपोर्ट : नीरज जायसवाल

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