
मायावती के कार्यकाल के दौरान उनके भाई और भाभी को अवैध तरीके से फ्लैट आवंटन मामले में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने स्पष्टीकरण जारी किया है. गुरुवार को कंपनी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “नोएडा प्राधिकरण ने 29 मई, 2010 को ग्रुप हाउसिंग स्कीम (GH-10 III) की शुरूआत की थी. लॉजिक्स ग्रुप ने 18 जून, 2010 को इस योजना में आवेदन किया था और जमीन यानी GH 1, सेक्टर 143 (ब्लॉसम ग्रीन), के लिए बयाना राशि जमा की थी.”
बयान में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने बोली जीतने की बात कही. साथ ही यह भी बताया कि इसी आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने 22 जून, 2010 को उक्त भूखंड के लिए स्वीकृति पत्र/आरक्षण पत्र जारी किया. लॉजिक्स ग्रुप ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि बोली जीतने के बाद, समूह ने 1 जुलाई, 2010 को शेष आरक्षण राशि नोएडा प्राधिकरण को जमा कर दी. इस तथ्य से यह पता चलता है कि समूह द्वारा कोई पक्षपात नहीं किया गया था.
वहीं 46 प्रतिशत छूट की पेशकश के आरोपों पर समुह का पक्ष है कि समूह ने 261 फ्लैटों की बिक्री के समझौते में प्रवेश करने के लगभग 9 महीने बाद 3 अप्रैल, 2011 को प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में एक विज्ञापन दिया था जिसमें बिक्री मूल्य 2700 रुपये प्रति वर्ग फुट स्पष्ट दर्शाया गया था. हालांकि तथ्य यह है कि समूह ने फ्लैटों की थोक बिक्री के लिए लगभग 13% छूट की पेशकश की. उस समय समूह उन दलालों को भी लगभग इतनी ही छूट दे रहा था, जो परियोजना इकाइयों को बेचने में लगे हुए थे. यह बाजार में एक सामान्य प्रथा है. प्रत्येक व्यापारी थोक बिक्री पर विशेष छूट प्रदान करता है.
आरोप था कि साल 2010 में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड एक कंपनी बनी जिस समय प्रदेश की बागडोर मायावती के हाथ में थी. कंपनी बनने के तीन महीने बाद जुलाई 2010 में मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्रा लता को नोएडा में उनकी परियोजना ब्लॉसम ग्रीन्स में दो लाख वर्ग फुट जगह बेचने का समझौता किया. इसे आनंद कुमार को 2,300 रुपये और विचित्र लता को 2,350 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बेचा गया. इस हिसाब से मायावती के भाई और भाभी को यह संपत्ती क्रमश: 46.02 करोड़ रुपये और 46.93 करोड़ रुपये में मिली.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कथित फर्जीवाडे़ की रिपोर्ट मई 2023 में आईआरपी को सौंपी गई. इसी फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए, इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के भाई आनंद कुमार और भाभी विचित्र लता दोनों को बेची गई इकाइयां “अंडरवैल्यूड” थीं और उनके लेनदेन भी कपटपूर्ण था.
वहीं इस बीच लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने बयान जारी कर पूरे मामले में अपना स्पष्टीकरण दिया है. लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि “समूह ने समूह आवास योजना में निष्पक्ष रूप से भाग लिया था और बोली जीती थी. हमने योजना के तहत निर्धारित सभी दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन किया.”









