मिस्र के सर्वोच्च सम्मान से नवाजे गए PM मोदी, राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने किया सम्मानित

मिस्र प्रेसीडेंसी की वेबसाइट के अनुसार, 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' एक शुद्ध सोने का कॉलर है जिसमें तीन वर्ग सोने की इकाइयाँ हैं. जिन पर फ़ारोनिक प्रतीक अंकित हैं. पहली इकाई राज्य को बुराइयों से बचाने के विचार से मिलती जुलती है, दूसरी इकाई नील नदी द्वारा लाई गई समृद्धि और खुशी से मिलती जुलती है और तीसरी इकाई धन और सहनशक्ति को संदर्भित करती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से सम्मानित किया गया. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने काहिरा में पीएम मोदी को इस सर्वोच्च राजकीय सम्मान से सम्मानित किया. यह 13वां ऐसा सर्वोच्च राजकीय सम्मान है जो पिछले नौ वर्षों में दुनिया भर के विभिन्न देशों ने पीएम मोदी को प्रदान किया है.

मिस्र प्रेसीडेंसी की वेबसाइट के अनुसार, ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ एक शुद्ध सोने का कॉलर है जिसमें तीन वर्ग सोने की इकाइयाँ हैं. जिन पर फ़ारोनिक प्रतीक अंकित हैं. पहली इकाई राज्य को बुराइयों से बचाने के विचार से मिलती जुलती है, दूसरी इकाई नील नदी द्वारा लाई गई समृद्धि और खुशी से मिलती जुलती है और तीसरी इकाई धन और सहनशक्ति को संदर्भित करती है.

ये सभी इकाइयां फिरोजा और माणिक से सजाए गए एक गोलाकार स्वर्ण पुष्प द्वारा एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. ‘आर्डर ऑफ नील’ को फारोनिक शैली के फूलों और फिरोजा एवं रूबी रत्नों से सजाया गया है. वेबसाइट के अनुसार, पेंडेंट के बीच में, नील नदी का प्रतिनिधित्व करने वाला एक उभरा हुआ प्रतीक है जो उत्तर (पेपिरस द्वारा दर्शाया गया) और दक्षिण (कमल द्वारा दर्शाया गया) को एक साथ जोड़ता है और जो देश के दोनों छोर की एकता को दर्शाता है.

पीएम मोदी मिस्र की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं. अफ्रीकी देश की उनकी यात्रा 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा है. इससे पहले आज पीएम मोदी ने राष्ट्रपति सिसी से बातचीत की और दोनों नेताओं ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. प्रधानमंत्री मोदी ने हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक का भी दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और फिलिस्तीन में बहादुरी से लड़ने और अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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