अडानी पावर लिमिटेड का गोड्डा थर्मल पावर प्लांट पूरी तरह हुआ कार्यशील, बांग्लादेश को करेगा बिजली आपूर्ति

इस अवसर पर अडानी पावर लिमिटेड के सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा "गोड्डा पावर प्लांट दोस्ती के प्रतीक के रूप में काम करेगा. यह भारत और बांग्लादेश के विविध और दीर्घकालिक संबंधों में नए चरण की शुरुआत करेगा."

अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL), अडानी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, जो विविधीकृत अडानी समूह का हिस्सा है. कंपनी ने झारखंड के गोड्डा जिले में अपने 2 X 800 मेगावाट के गोड्डा अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट (Godda USCTPP) की दूसरी इकाई के वाणिज्यिक संचालन की अनुमति 26 जून, 2023 को हासिल कर ली है.

गोड्डा बिजली संयंत्र की दूसरी इकाई के वाणिज्यिक संचालन परीक्षण सहित विश्वसनीयता रन रेस्ट 25 जून 2023 को बीपीडीबी और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ बांग्लादेश (PGCB) के अधिकारियों की उपस्थिति में पूरा किया गया. इस साल की शुरुआत में, 6 अप्रैल को, 800 मेगावाट क्षमता वाली बिजली संयंत्र की पहली इकाई ने भी अपना सीओडी हासिल कर लिया था. गोड्डा USCTPP से बांग्लादेश के ग्रिड को बिजली आपूर्ति बांग्लादेश में ऊर्जा सुरक्षा को और बढ़ाएगी.

एपीजेएल बांग्लादेश ग्रिड से जुड़े 400 केवी समर्पित ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से 25 साल की अवधि के लिए बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के साथ नवंबर-2017 में निष्पादित पीपीए के तहत 2X800 मेगावाट Godda USCTPP से 1,496 मेगावाट की शुद्ध क्षमता बिजली की आपूर्ति करेगा. तरल ईंधन से उत्पन्न महंगी बिजली की जगह गोड्डा पावर प्लांट से आपूर्ति की जाने वाली बिजली बांग्लादेश की बिजली स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी. इस परिवर्तन से बांग्लादेश को खरीदी गई बिजली की औसत लागत को कम करने में मदद मिलेगी.

इस अवसर पर अडानी पावर लिमिटेड के सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा “गोड्डा पावर प्लांट दोस्ती के प्रतीक के रूप में काम करेगा. यह भारत और बांग्लादेश के विविध और दीर्घकालिक संबंधों में नए चरण की शुरुआत करेगा.” उन्होंने कहा कि “एपीजेएल ने भारत, चीन और बांग्लादेश में कोविड के 3 चरणों से प्रभावित होने के बावजूद अपने वित्तीय समापन से लगभग 3.5 साल की ट्रैक रिकॉर्ड समय अवधि के भीतर समर्पित ट्रांसमिशन लाइन के साथ गोड्डा USCTPP को पूरा कर लिया है. यह प्रतिकूल समय में हांसिल की गई किसी उपलब्धि से कम नहीं है.

उन्होंने आगे कहा, “गोड्डा परियोजना की यूनिट-1 ने 6 अप्रैल, 2023 को सीओडी हासिल कर लिया है और लगभग 2.5 महीने की अवधि के भीतर 26 जून, 2023 को गोड्डा परियोजना की यूनिट-2 ने सीओडी हासिल कर लिया है. पूरे बिजली संयंत्र को ग्रिड के साथ सिंक्रनाइज़ करने में बांग्लादेश के किसी भी अन्य कोयला आधारित बिजली संयंत्र की तुलना में यह सबसे कम समय लगा है.

यह अग्रणी परियोजना अत्याधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पेश करती है. इसके अलावा, पर्यावरण के अनुकूल संचालन सुनिश्चित करने के लिए, संयंत्र पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्धारित वर्तमान परिचालन मानदंडों के अनुरूप उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए फ़्लू गैस डिसल्फराइज़र (एफजीडी) और सेलेक्टिव कैटेलिटिक रीकन्वर्टर (एससीआर) प्रणाली से सुसज्जित है.

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