
बस्ती; कभी-कभी कुछ ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जिन्हें देखकर लोग अचंभित हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही बस्ती जिले में देखने को मिला है. यहां आरिफ सारस की दोस्ती जैसा ही मामला सामने आया है. लेकिन, बस्ती का सारस दोस्त नहीं बल्कि मां काली का परम भक्त है.
सारस की मां काली के प्रति भक्ति को देखकर ग्रामीण अचंभित हैं. बस्ती का यह सारस अपने नियम का पक्का है. सुबह-शाम मंदिर पहुंच कर सबसे पहले घंटी बजाना और मां काली की मूर्तियों के पास मौजूद गंदगी को साफ करना उसका रोज का काम है. उसके बाद सारस मां काली की पूजा करता है.
दरअसल, यहा पूरा मामला बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के गौर रोहारी गांव का है. यहां मां काली का पौराणिक मंदिर है. यहां भक्तों का रोज तांता लगता है. इन्हीं भक्तों में एक सारस भी शामिल है. जो रोज सुबह-शाम मंदिर में मां की आराधना करने के लिए पहुंचता है.
मंदिर पहुंचते वह सबसे पहले घंटी बजाता है. मां काली की मूर्ति की पूजा करता है. इतना ही नहीं सुबह होते ही गांव में घूमकर दरवाजा खटखटा कर लोगों को जगाता भी है. सारस का मां काली व ग्रामीणों के प्रति इस प्रेम को देखकर लोग हतप्रभ हैं.









