ज्ञानवापी मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू, चीफ जस्टिस ने पूछा- ASI की लीगल आइडेंटिटी क्या है?

ज्ञानवापी सर्वे मामले पर आज दूसरे दिन की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रारंभ हो चुकी है. सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में चल रही है. मुस्लिम पक्ष के वकील ने एएसआई के हलफनामे का जवाब कोर्ट में दाखिल किया है.

प्रयागराज; ज्ञानवापी सर्वे मामले पर आज दूसरे दिन की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रारंभ हो चुकी है. सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में चल रही है. मुस्लिम पक्ष के वकील ने एएसआई के हलफनामे का जवाब कोर्ट में दाखिल किया है. सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर ने पूछा कि ASI की लीगल आइडेंटिटी क्या है? इस पर ASI के अधिकारी ने हाईकोर्ट को जानकारी दी है.

ASI ने हाईकोर्ट में कहा कि हम सर्वे के दौरान ड्रिलिंग नहीं करेंगे. ASI ने कोर्ट जानकारी दी कि हमें 1951 में यूनेस्को से पुरातात्विक अवशेषों का बायोलॉजिकल संरक्षण की संस्तुति मिली है. इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि ड्रिलिंग अधिनियम में है क्या? ASI के अधिकारियों ने इस पर जवाब दिया की ड्रिलिंग अधिनियम में ‘नहीं’ है. फिर हाई कोर्ट ने ASI से पूछा कि कब तक कार्रवाई पूरी कर लेंगे ? इस पर ASI ने जवाब दिया कि 4 अगस्त को सर्वे पूरा कर लेंगे.

पुन: ASI ने हाईकोर्ट ने कहा कि हमारे सर्वे में कोई नकुसान नहीं होगा. वहीं सरकार के महाधिवक्ता ने बताया कि मंदिर सुरक्षा CRPF के जिम्मे है. हम कानून व्यवस्था को बनाए रखेंगे. उन्होंने कोर्ट को आस्वस्त किया कि ज्ञानवापी परिसर को डैमेज नहीं करेंगे. सिर्फ ब्रशिंग किया जाएगा. भारत सरकार के महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा‘सरकार की केवल कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है. हम आदेश का पालन कर रहे हैं.

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