बिहार में जातीय जनगणना का रास्ता साफ़, हाई कोर्ट में नीतीश- तेजस्वी सरकार की बड़ी जीत

बिहार में अब जातीय जनगणना का रास्ता साफ़ हो गया है. पटना हाई कोर्ट ने सारी याचिकाएं खारिज करते हुए बिहार में जातीय जनगणना जारी रखने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के फैसले को नीतीश और तेजस्वी सरकार की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है.

पटना : बिहार में अब जातीय जनगणना का रास्ता साफ़ हो गया है. पटना हाई कोर्ट ने सारी याचिकाएं खारिज करते हुए बिहार में जातीय जनगणना जारी रखने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के फैसले को नीतीश और तेजस्वी सरकार की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. यह फैसला आने के बाद तय माना जा रहा है कि इसका राजनीतिक प्रभाव बिहार में दिखना शुरू हो जाएगा.

पटना हाई कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, ”हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. यह सिर्फ एक फैसला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए फैसला है. इससे उनके लिए दरवाजे खुलेंगे. उनके सर्वेक्षण के बाद, उनकी आर्थिक स्थिति का पता चलेगा और उस आधार पर सरकार उनके लिए योजनाओं का मसौदा तैयार करेगी और इससे विकास के द्वार खुलेंगे. मैं CM और तेजस्वी यादव को धन्यवाद देता हूं, उन्होंने कड़ी मेहनत की”

वहीं फैसले पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ”यह एक ऐतिहासिक फैसला है. हाईकोर्ट ने महागठबंधन सरकार के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. यह स्वागत योग्य निर्णय है. हमारी लड़ाई समाज के पिछड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने की है. जब जाति आधारित सर्वेक्षण होगा, तो स्पष्टता आएगी और उसी आधार पर सरकार योजनाएं बनाएगी और उन तक सुविधाएं पहुंचाएगी. भाजपा जातिगत जनगणना को रोकना चाहती थी. मैं ऐसा करने के लिए मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव को धन्यवाद देता हूं”

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