
लखनऊ. लीडिंग जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में शामिल आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाली और व्यापक रूप से फैली मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) फ्रॉड (धोखाधड़ी) का खुलासा किया है. इन चौंकाने वाले नतीजों को देखते हुए, कंपनी ने करोड़ों रुपये के धोखाधड़ी वाले क्लेम (दावों) के व्यापक रूप से फैले नेटवर्क की गहन जांच और पता लगाने के लिए विशेष जांच दल (SIT) से हस्तक्षेप का आग्रह करके निर्णायक कार्रवाई की है.
पूरी जांच 2015 में विशेष जांच दल (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम- SIT) द्वारा एफआईआर (FIR) दर्ज करने के साथ शुरू हुई, जिसका गठन माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ द्वारा किया गया था. एसआईटी का प्राथमिक उद्देश्य पूरे उत्तर प्रदेश में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के समक्ष दायर किए गए संदिग्ध मोटर थर्ड-पार्टी क्लेम की जांच करना था. एसआईटी द्वारा पूरे राज्य में 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं, जिससे दोषी पक्षों को पकड़ा गया और बाद में जेल में भी डाल दिया गया. इस ऐतिहासिक कदम को तब और समर्थन मिला जब सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ एसआईटी के गठन को बरकरार रखा बल्कि अन्य उच्च न्यायालयों को भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी.
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस का ध्यान आकर्षित करने वाले प्रमुख मामलों में से एक मामला अपराध संख्या 200/2016 के रूप में दर्ज की गई एफआईआर से संबंधित है. इसमें ड्राइवर के रूप में इकरार, क्लीनर के रूप में चमन, इंश्योर्ड पार्टी (बीमित पक्ष) के रूप में रिजवान, दावेदारों के वकील के रूप में मनोज कुमार और अन्य को नामित किया गया है. यह मामला ड्राइवर और व्हीकल इंप्लांट स्कीम पर केंद्रित था, जहां ड्राइवर और क्लीनर ने एक दुर्घटना के कारण पैर कटने का दावा किया था. हालांकि, बाद में एसआईटी की जांच से पता चला कि पैर कटने का मामला किसी अलग एक्सीडेंट में हुआ था, लेकिन इस मामले में इंश्योर्ड व्हीकल झूठा फंसाकर मुआवजा लेने के लिए फर्जी क्लेम दायर किया गया था.
जांच के नतीजों के आधार पर एसआईटी ने इकरार, चमन, रिजवान, मनोज कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. मामले के दो मुख्य आरोपी इकरार पुत्र भूरे और रिजवान पुत्र भूरे पिछले 7 साल से फरार थे, लेकिन एसआईटी और स्थानीय पुलिस के कड़े प्रयासों और तालमेल से उन्हें 29 जुलाई 2023 को जनपद हापुड़ से पकड़ लिया गया. इंस्पेक्टर वारिस सिद्दीकी (एसआईटी) ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, आरोपियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया और उन्हें पुलिस हिरासत में लिया.
इंश्योरेंस कंपनी का मानना है कि इन फर्जी क्लेम के पीछे की सच्चाई का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए एसआईटी जांच बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस हर संभव तरीके से जांच का समर्थन करने और प्रभावित पॉलिसीधारकों और असली दावेदारों को न्याय दिलाने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.







