
केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को नई संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किया। दूसरी तरफ इस बिल को लेकर सियासत शुरू हो गयी। समाजवादी पार्टी के राजसभा सांसद राम गोपाल यादव ने महिला आरक्षण बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने महिला आरक्षण में सदैव ओबीसी, दलित, आदिवासी और मायनॉरिटी की महिलाओं के लिए आबादी के अनुपात में आरक्षण की माँग की है।
राम गोपाल यादव ने कहा कि दुर्भाग्य से संसद में इन दबे पिसे और वंचित वर्गों की विरोधी मानसिकता के सदस्यों की भरमार है। बीजेपी में जो इन वर्गों के सदस्य हैं उनके मुँह पर ताला है। वे केवल एमपी बने रहने के लिए पिछड़ों के हक़ों की हत्या होते देख कर भी मुँह बंद किए रहते हैं।
समाजवादी पार्टी ने महिला आरक्षण में सदैव ओबीसी, दलित, आदिवासी और मायनॉरिटी की महिलाओं के लिए आबादी के अनुपात में आरक्षण की माँग की है।दुर्भाग्य से संसद में इन दवे पिसे और वंचित वर्गों की विरोधी मानसिकता के सदस्यों की भरमार है। बीजेपी में जो इन वर्गों के सदस्य हैं उनके मुँह पर…
— Prof. Ram Gopal Yadav (@proframgopalya1) September 20, 2023
आगे उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को उम्मीद है कि आज नहीं तो कल संसद में वंचित समाज के हमदर्द सदस्यों का बहुमत होगा और हम पिछड़ों,दलित, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने में सफल होंगे।
मंगलवार को महिला आरक्षण पर अर्जुनराम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा में पेश किया गया। बिल को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। दिल्ली में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित। दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी। महिला आरक्षण की अवधि 15 साल होगी। विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण है। लोकसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा। लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। 15 साल बाद पुनर्विचार किया जा सकेगा। लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 होगी। बता दें कि लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं।









