
गंगा-जमुनी तहज़ीब को मानने वाले इस शहर में सदियों पुराना इतिहास आज भी झलकता है। अहंकार और अन्याय के प्रतीक दशानन रावण की कहानी दशहरा के दिन समाप्त हो जाती है। श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इस शहर की स्थापना की थी, जहां रावण का दरबार भी लगता है।
मंदिर और दरबार की अनोखी कहानी
लखनऊ के चौक के इलाक़े में रानी कटरा में स्तिथ चारोधाम मंदिर के परिसर में ही एक रावण का दरबार भी है। चौक में स्तिथ इस मंदिर का निर्माण कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल नामक एक ठेकेदार ने कुछ साल पहले करवाई ,इस मंदिर का निर्माण करवाने के पीछे एक बहुत ही विचारशील ख़्याल था जहाँ की उनका कहना था की शहर के कुछ गरीब लोग जो चाह कर भी पैसो की कमी के कारण चारो धाम की यात्रा नहीं कर सकतें थे उनके लिए ऐसा कुछ इंतज़ाम किया जाए की बिना भारी रक़म खर्चा किये उनकी इच्छा पूरी हो जाये।
इस मंदिर परिसर में जहाँ एक तरफ़ चारो धाम के दर्शन होते हैं वहीँ दूसरी तरफ़ लंकापति रावण का दरबार दिखेंगा जहाँ दरबार के हर तरफ मंत्री बैठे दिखेंगे वहीँ एक ऊँचे स्थान पर रावण विराजमान दिखेंगे।
विष्णु त्रिपाठी और लंकेश का कनेक्शन
विष्णु त्रिपाठी न केवल वहां के रहने वाले एक निवासी थे बल्कि वो रामलीला में लंकापति रावण का किरदार निभाने वाले कलाकार भी थे , साल 1978 से 2021 उन्होंने रावण का किरदार निभाया। पिछले वर्ष उनकी शारीरिक कार्यप्रणाली ख़राब हो गई और उनका निधन हो गया, इसलिए इस वर्ष श्री पब्लिक बाल रामलीला समिति के सदस्यों ने विष्णु त्रिपाठी के सम्मान में एक स्मारक का आयोजन किया था। इतना ही नहीं उनकी पत्नी रेनू त्रिपाठी ने भी 2009 से खुद को रावण की पत्नी मंदोदरी की भूमिका के लिए समर्पित किया था।
श्री पब्लिक बाल रामलीला समिति के महामंत्री डॉक्टर राजकुमार वर्मा भी वहां उपस्तिथ थे और उन्होंने भी श्लोक पढ़े और पूजन विधि की पूरा किया।
कई समितियों के महत्वपूर्ण लोगों की रही थी उपस्तिथि
इस अवसर पर होलिकोत्सव समिति के अध्यक्ष गोविंद शर्मा, शुभ संस्कार समिति के लक्ष्मीकांत पांडे, मंदिर प्रबंधक आशीष अग्रवाल, रिद्धि किशोर गौड़, श्याम नारायण, दिलीप मिश्रा, सुनील मिश्रा, मनीष रस्तोगी, रेनू त्रिपाठी, आशीष मिश्रा, और सुनील मिश्रा वहां शुक्ला और अवनीश दीक्षित सहित कई व्यक्ति थे।









