मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मैं नहीं चाहता कि सुप्रीम कोर्ट ‘तारीख-पे-तारीख’ अदालत बन जाए

Supreme Court के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मैं नहीं चाहता कि ‘तारीख-पे-तारीख’ अदालत बन जाए

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मामलों की सुनवाई को बार-बार टाले जाने पर (स्थगन) उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने सभी वकीलों से खास अपील की है. डीवाई चंद्रचूड़ ने आज शुक्रवार को वकीलों से आग्रह किया है कि जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक स्थगन करने की मांग न करें. हम नहीं चाहते है कि उच्चतम न्यायालय ‘तारीख पर तारीख” अदालत बन जाए.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दिन की कार्यवाही के आरंभ में वकीलों द्वारा स्थगन के अनुरोध का मुद्दा उठाते हुए कहा, पिछले दो महीने से वकीलों ने 3 हजार से अधिक मामलों में स्थगन करने का अनुरोध किया है. ऐसे में प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला (J. B. Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Manoj Mishra) भी हैं।

इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जब तक अत्यंत जरूरी नहीं हो, तब तक कृपया स्थगन का अनुरोध नहीं करें…मैं नहीं चाहता कि यह अदालत ‘तारीख-पे-तारीख’ अदालत बन जाए.’ ‘तारीख-पे-तारीख’ हिंदी फिल्म ‘दामिनी’ में सनी देओल का लोकप्रिय संवाद था जिसमें अभिनेता ने फिल्म के एक दृश्य में अदालतों में स्थगन की संस्कृति पर रोष प्रकट किया था.

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