फर्श से अर्श और फिर फर्श : कौन थे सुब्रत रॉय, और कैसे बनाया इतना ऊंचा मुकाम…

मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय सहारा का आज मुंबई में निधन हो गया. सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे, और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. कल उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी.

Lucknow : मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय सहारा का आज मुंबई में निधन हो गया. सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे, और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. कल उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी.

बता दें कि सुब्रत रॉय सहारा एक करिश्माई व्यक्ति थे. वो भारत के उद्योग जगत के पहले सुपर स्टार थे. एक दौर था, जब उनकी शोहरत का सूरज कभी अस्त नही होता था. बड़े बड़े नेता लाइन लगाकर खड़े रहते थे. बॉलीवुड के सुपर स्टार उनके घर चाय वितरण किया करते थे. उद्योग जगत सुब्रत रॉय के सामने नतमस्तक था. पत्रकार उन्हें सहारा प्रणाम करके गौरवान्वित महसूस करते थे. रॉय ने जिस पर भी हाथ रख दिया वो दौलत, शोहरत और ताकत की बुलंदी पर होता था. चिट फंड से लेकर एयरलाइंस तक सब धंधा किया.

ऐसे में लखनऊ से उनके बेटों की शादी हुई थी. भारत के प्रधानमंत्री, दर्जन भर से अधिक केंद्रीय मंत्री, कितने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पूरा उद्योग जगत रॉय के बुलावे पर आया था. क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी मेहमानो को खाना परोसते थे. वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सभी सदस्यों को अम्बे वैली को घर गिफ्ट में दिए. बड़े क्रिकेटर उनके बच्चों की शादी हो या घरेलू आयोजन बिना सहाराश्री के पूरा नहीं होता था. सुपर स्टार महोदय तो खाना परोसते थे. बेहिसाब दौलत और बेशुमार ताकत, तब सिर्फ नाम ही काफी था सुब्रत रॉय. लेकिन एक राजनीतिक भूल ने सुब्रत रॉय के एंपायर को लगभग धूल में मिला दिया.

उनके आलोचक भी बहुत हैं जो आज भी इलजाम लगाते हैं. लेकिन वक्त बदला तो जो ताकतवर लोग रॉय के घर झाड़ू पोछा करके भी गौरव की अनुभूति करते थे. उन्होंने भी पीठ दिखा दीऔर सुब्रत रॉय का साथ उन सबने छोड़ दिया जिन पर उन्हें बहुत भरोसा था. वो घिरते गए साम्राज्य सिकुड़ता गया और जेल गए. कैसे तैसे जेल से निकले, कभी शान ओ शौकत का एंपायर उनके ही सामने खंडहर हो गया. किसी ने उनका साथ नहीं दिया. आज भी सेबी के पास सहारा का 25 हजार करोड़ है. लेकिन सहारा ग्रुप का पतन हो गया. वो जितने बड़े शो मैन थे आज उतनी ही खामोशी से चले गए. आजतक कोई जीत नही पाया, जीत भी नही सकता.

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