कोयले के कारोबार ने मुख्तार अंसारी को किया दागदार, गवाह को धमकी देने के मामले में मिली साढ़े पांच साल की सजा !

उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी को कोयला कारोबारी के अपहरण कर हत्या के बाद हत्या के गवाह कारोबारी के भाई (गवाह) को धमकी देने के आरोप में साढ़े पांच साल की सजा मिली है। वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट ने हत्या के मुख्य गवाह को धमकी देने के 26 वर्ष पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाया है.

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी को कोयला कारोबारी के अपहरण कर हत्या के बाद हत्या के गवाह कारोबारी के भाई (गवाह) को धमकी देने के आरोप में साढ़े पांच साल की सजा मिली है। वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट ने हत्या के मुख्य गवाह को धमकी देने के 26 वर्ष पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाया है। कोर्ट ने बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को साढ़े पांच साल कैद की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना लगाए जाने का आदेश दिया है।

कोयला कारोबारी रूंगटा परिवार को मिली थी बम से उड़ाने की धमकी

मुख्तार अंसारी के द्वारा रूंगटा परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दिए जाने का मामला करीब 26 वर्ष पूर्ण है। वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले कोयला व्यवसाई नंद किशोर रूंगटा की 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गे अताउर रहमान उर्फ सिकंदर के साथ कुल 8 लोगो पर लगा था। इस मामले में मृतक नंदकिशोर रूंगटा का भाई महावीर रूंगटा मुख्य गवाह थे, जिन्हे 5 नवंबर 1997 को टेलीफोन पर धमकी मिली कि वह केस की पैरवी करना छोड़ दे वरना उनके साथ उनके परिवार को बम से उड़ा दिया जाएगा। इस मामले की शिकायत पीड़िता ने वाराणसी के भेलूपुर थाने में शिकायत किया, शिकायत मिलने पर पुलिस ने धमकी दिए जाने का केस मुख्तार अंसारी पर दर्ज किया था।

सजा के खिलाफ मुख्तार अंसारी करेगा हाईकोर्ट का रुख, सजा के खिलाफ़ दायर करेगा अपील

वाराणसी के एमपी / एमएलए कोर्ट के द्वारा मुख्तार अंसारी को सजा सुनाए जाने पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने निराशा व्यक्त किया। उन्होंने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा के हत्या के आरोप में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया है, तो धमकी देने का कोई सवाल ही नही उठता है। अधिवक्ता का दावा है, कि कोर्ट में वादी ने धमकी देने वाले नंबर और किस नंबर पर धमकी मिली इसे पेश नही किया गया। ऐसे में हाई कोर्ट में इन विषयों को आधार बनाकर सजा के खिलाफ अपील किया जाएगा।

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