
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक क्षण होगा। जिसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। सभी सनातनी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन सके इसके लिए भारतीय संत समिति ने 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश अवकाश की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती द्वारा पीएम को लिखे गए पत्र में लिखा गया है कि, जब 22 जनवरी, 2024 को रामलला अपनी जन्मभूमि पर विराजेंगे। उस समय सभी सनातनी उत्सव मनाएगा। आचार्यों के मंत्रोच्चार के बीच गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण पूरी दुनिया देखेगी। ऐसे में पति ऑफिस, बेटा स्कूल और और पत्नी घर पर रहेंगे तो सबका दर्शन अधूरा रह जाएगा।
समिति ने रामचरितमानस का एक उक्ति- मैं सेवक समेत सुत नारी…का उल्लेख करते हुए कहा कि भक्तों का यह भाव अधूरा रह जाएगा। 500 सालों के संघर्ष के समाप्ती और परम वैभव के प्रारंभिक काल के इस ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए लोगों का परिवार के साथ घर या मंदिर में रहना जरूरी है। पत्र में अवकाश के लिए धार्मिक-स्वतंत्रता के अधिकार का भी हवाला दिया गया है।









