
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखकर पोस्ट किया कि, “राम भक्त होना कोई पाप नहीं है, मुझे इस भक्ति पर गर्व है। मुझे इस बात पर भी गर्व है कि मैं प्रभु राम की नगरी का निवासी ही नहीं वरन मेरी जन्मस्थली व कर्म भूमि भी अयोध्या है। सभी धर्मों के लोगों को अपने अपने इष्ट देव पर गर्व करना भी चाहिए।”
उन्होंने आगे लिखा कि, “रामो विग्रहवान् धर्म:” अर्थात राम धर्म है और धर्म ही राम। यानी राम जो करते है वह धर्म हो जाता है। इससे धर्म की व्याख्या होती है। महात्मा गांधी का राम ,सनातन अजन्मा है। वह आत्मशक्ति का उपासक है। वह निर्बल का सहारा है उसकी कसौटी प्रजा का सुख है।
*राम भक्त होना कोई पाप नही है, मुझे इस भक्ति पर गर्व है । और मुझे इस बात पर भी गर्व है कि मैं प्रभु राम की नगरी का निवासी ही नही वरन मेरी जन्मस्थली व कर्म भूमि भी अयोध्या है। सभी धर्मों के लोगो को अपने अपने इष्ट देवो पर गर्व करना भी चाहिए।
— Dr. Nirmal Khatri (@DrNirmalKhatri) January 16, 2024
रामकथा के पहले रचयिता वाल्मीकि ने लिखा… pic.twitter.com/98NbBU3d4j
निर्मल खत्री ने कहा कि, “मैं धर्म के पाखंड का विरोधी, धर्म के सहारे राजनीतिक लाभ लेने के हथकंडे का विरोधी हूँ। मैं व्यक्तिगत जीवन में न कोई व्रत रखता हूँ और न ही पूजा पाठ। हाँ रामभक्त हनुमान जी का हृदय में स्थान है। उन्ही को रोज याद कर अपना प्रत्येक दिन व्यतीत करता हूँ। ईश्वर के प्रति भक्ति और आस्था मुझमे है।”









