
Varanasi News: आगमी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनैतिक हलचल बढ़ गई है। विपक्ष के गठबंधन को बिहार में नीतीश कुमार के बाद उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के रूप में झटका मिलता दिख रहा है, तो वही दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। समाजवादी पार्टी के द्वारा उत्तर प्रदेश लोकसभा की 16 सीट पर प्रत्याशी घोषित किए जाने पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दोनो दलों के बीच राजनैतिक बयानबाजी सामने आया। अपने वाराणसी दौरे पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के सेनापति (नरेंद्र मोदी) के खिलाफ अपने सेनापति ( सुरेंद्र पटेल) को चुनाव मैदान में उतरने का इशारा किया है।
सुरेंद्र पटेल को वाराणसी की कमान
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल को लोकसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। अखिलेश यादव गुरुवार को सुरेंद्र पटेल के घर उनके पुत्र के वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे। जहां मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के सेनापति को हराने के लिए अपने सेनापति को तैनात किए जाने की बात कही। वही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि बीजेपी के सेनापति को समाजवादी पार्टी और विपक्ष मिलकर हराएगी। सुरेंद्र पटेल मेरे सेनापति है, इस लिए आज वह मेरे बगल में बैठे है।
वाराणसी लोकसभा सीट को सपा अपने पास रखने के मूड में
गौरतलब है, कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस बयान से वाराणसी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की आश लगाए नेताओं को झटका लगा होगा। वहीं, अखिलेश यादव का इस बयान से राजनैतिक नजरिए से साफ है, कि वाराणसी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी अपने पास रखने के मूड में है। यदि वाराणसी से लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने सेनापति सुरेंद्र पटेल को टिकट देती है, तो कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका साबित हो सकता है।









