
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सैकड़ों छात्र रिजल्ट बनाने वाली एजेंसी ने बड़ा खेल कर दिया। बुधवार को छात्रों का परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रों को रिजल्ट बनाने वाली कार्यदाई संस्था की लापरवाही कि जानकारी होने पर गुरुवार को विश्विद्यालय पहुंचे छात्रों ने जमकर हंगामा किया। छात्रों ने बताया कि 60 नंबर की हुई परीक्षा में उन्हें 62 नंबर दे दिया गया है और जब इसकी शिकायत की जा रही है, तो इसे सही करने की बात कह विश्वविद्यालय और रिजल्ट बनाने वाली संस्था एक दूसरे पर दोष मढ रहे है। जबकि गुरुवार को छात्रवृति का फॉर्म भरने की आखिरी दिन है। रिजल्ट बनाने वाली कार्यदाई संस्था की वजह से सैकड़ो छात्र – छात्राएं इस बार छात्रवृति का फॉर्म भरने से वंचित रह गए।

परीक्षा के तीन महीने बाद रिजल्ट आने के बाद भी खामियों का लगा अंबार, परेशान छात्रों के हंगामे से विश्विद्यालय में हड़कंप
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में रिजल्ट की लापरवाही को लेकर M.A तृतीय सेमेस्टर कि छात्रा कोमल सेठ ने बताया कि तीन महीने पहले विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर का परीक्षा करवाया। रिजल्ट बनाने के लिए विश्विद्यालय के पास काफी समय था, लेकिन छात्रवृति फॉर्म भरने के आखिरी तिथि से एक दिन पूर्व आनन -फानन में रिजल्ट घोषित किया गया। इसके बाद भी रिजल्ट में हिस्ट्री की परीक्षा देने पर रिजल्ट में हिंदी का नंबर दर्शाया गया है। किसी छात्र का पूर्णांक नंबर से अधिक नंबर दे दिया गया है। छात्र – छात्राओं का आरोप है, कि यह पहली बार नहीं है, हर बार ऐसी गलती होता है और इसका खमियाजा छात्र -छात्राओं को झेलना पड़ता है। जब विश्विद्यालय के अधिकारियों के पास शिकायत की जाती है, तो कोई भी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
विश्वविद्यालय ने मानी गलती, रिजल्ट सुधारने का दिया अश्वासन
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में हुए छात्रों के रिजल्ट के साथ हुई लापरवाही को विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वीकार किया। विश्वविद्यालय की चीफ़ प्रॉक्टर अमिता सिंह न बताया कि विश्वविद्यालय से 300 से अधिक कॉलेज संबध है। कई कॉलेजों का इंटरनल रिजल्ट नही आया है, ऐसे में ऐसे कॉलेज का रिजल्ट रोक कर सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपस का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि लापरवाही रिजल्ट बनाने वाली एजेंसी की तरफ से हुई है। छात्रों ने शिकायत की है, कि 60 नंबर की परीक्षा में उन्हें 62 नंबर दे दिया गया है। ऐसे में परीक्षा विभाग की लापरवाही है, कि रिजल्ट को चेक करने के बाद ही घोषित करना चाहिए था।








