मनीष गुप्ता हत्यकांड : CBI की चार्जशीट में सच आया सामने, पुलिस ने ही पीट कर की थी व्यवसायी की हत्या

CBI ने शुक्रवार को ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी। CBI ने अपनी चार्जशीट में घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है जिसमें SHO थाना रामगढ़ ताल इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, मारपीट और साक्ष्य छिपाने सम्बंधित कई धाराएं लगाईं हैं।

कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में कथित रूप से पुलिस की पिटाई के बाद मौत मामले में CBI ने शुक्रवार को अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी। CBI ने अपनी चार्जशीट में घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष, सब इंस्पेक्टर, हवलदार और कांस्टेबल को दोषी पाते हुए ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की।

जानकारी के मुताबिक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ CBI ने हत्या, आपराधिक साजिश, मारपीट और साक्ष्य छिपाने सम्बंधित कई धाराएं लगाईं हैं। तत्कालीन SHO थाना रामगढ़ ताल इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ IPC की धाराएं 302, 323, 325, 506, 218, 201 all r/w 34, 120-B और 149 लगाईं गई है। इन छः पुलिसकर्मियों में तत्कालीन उप निरीक्षक अक्षय कुमार मिश्रा,विजय यादव, राहुल दुबे, तत्कालीन हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव और कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार का भी नाम शामिल है।

गौरतलब हो कि, बीते 27 सितंबर 2021 को कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में कथित रूप से पुलिस द्वारा पिटाई के कारण मौत हो गई थी। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर CBI को जांच सौंप दी गई। CBI ने 2 नवंबर को इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की और घटना के आरोपी पुलिसकर्मियों को दोषी पाया, जिसके बाद अग्रिम कार्रवाई करते हुए CBI ने आरोप पत्र दाखिल किया है।

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