
मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद यूपी के सियासत में गहमा-गहमी तेज होती नजर आ रही है। इस मामले पर अब विपक्ष BJP सरकार पर लगातार हमलावर है। इस बीच भाजपा के भी कई मंत्रियों ने बयान देकर साफ़ कर दिया है कि इस मामले की जांच होगी मगर मुख़्तार के साथ जो भी हुआ है वो उसी के कर्मों का फल है। क्योंकि बुरे कामों का बुरा नतीजा ही होता है।
दरअसल, शुक्रवार यानी 29 मार्च को बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह ने मीडिया से बात चीत करते हुए मुख्तार की मौत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान उन्होंने मुख्तार अंसारी के आपराधिक इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि, “मुख्तार अंसारी पर कुल 61 केस दर्ज थे। जिनमें हत्या के 18, हत्या के प्रयास के 10 केस दर्ज थे। 8 मामलों में उसे सजा मिल चुकी थी। पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में 10 साल से जेल में था। लाइसेंस के लिए फर्जी डाक्यूमेंट मामले में उसे उम्रकैद की सजा मिली। कोयला व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के अपहरण और मर्डर ने पूरे पूर्वी यूपी को हिलाकर रख दिया था। जेल में रहते हुए मुख्तार पर आपराधिक साजिश रचने और उगाही के लिए 8 मामले दर्ज किए गए थे। उसका दहशत इतना था कि पिछले डेढ़ साल से कोई जेलर बांदा जेल का चार्ज लेने के लिए तैयार नहीं था। वो जेल से ही अपना साम्राज्य चलाता था।”
उन्होंने आगे गलत कार्यों से बचने की सलाह देते कहा कि, “मुख्तार पर दर्ज ये मामले बताते हैं कि वो कितना बड़ा गैंगस्टर था। उसने कई निर्दोषों की हत्या की, उन्हे शारीरिक रूप से अक्षम बनाया और आतंकित किया। लेकिन कर्म अपना समय तय करता है। इसलिए गलत कामों से हमेशा सावधान रहना चाहिए। कर्म क्षमाशील नहीं होता है और उसका फल सदैव मिलता है।”
राजेश्वर सिंह ने कहा कि, “कर्म का एक प्राकृतिक नियम है कि जो प्रतिशोधी लोग दूसरों को चोट पहुंचाने के लिए सही रास्ते से हट जाते हैं, अंतत: वो बुरी गति को प्राप्त होते हैं।”









