भारत में प्रीमियम और लग्जरी खपत का नया युग: 2030 तक 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह में बढ़ते अरमान

ब्रांडों को अपने उत्पादों के साथ-साथ उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं को भी समझना होगा। सफलता के लिए सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता से ज्यादा की आवश्यकता होगी

नए अरमानों और बढ़ते उपभोक्तावाद के साथ प्रीमियम खपत में तेजी

भारत एक नए विकास चरण में प्रवेश कर रहा है, जो केवल पैमाने से नहीं, बल्कि बढ़ती आकांक्षाओं से आकार ले रहा है। 2030 तक, देश की जीडीपी 3.9 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। इस वृद्धि का लगभग 60 प्रतिशत घरेलू खपत द्वारा संचालित होगा, जो बढ़ती शहरी मध्यवर्गीय आबादी और उनके बढ़ते अरमानों से प्रेरित है।

इस बदलाव का सबसे बड़ा संकेत प्रीमियम और लग्जरी श्रेणियों में वृद्धि है। केवल लग्जरी बाजार का आकार 2030 तक 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर लगभग 30 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। इसके अलावा, अब यह पहुंच केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है। ऑनलाइन प्लेटफार्मों और बढ़ती डिजिटल साक्षरता के कारण प्रीमियम ब्रांड छोटे शहरों तक पहुँच रहे हैं।

आय वृद्धि और शहरीकरण
2030 तक उच्च आय वाले परिवार (30 लाख रुपये+ प्रति वर्ष) की संख्या तीन गुना होने की संभावना है। शहरी केंद्रों का विस्तार हो रहा है, और दशक के अंत तक, भारत की 40 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में रहेगी।

डिजिटल प्रभाव
भारत में 1.1 बिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता और 840 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता एक डिजिटल रूप से सशक्त उपभोक्ता पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।

पीढ़ीगत बदलाव
भारत की आधी से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है, और मिलेनियल्स और जनरेशन Z अब ऐसे ब्रांडों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो उनके मूल्यों को परिलक्षित करते हैं।

क्रेडिट की पहुंच
भारत में क्रेडिट कार्ड की संख्या 2024 में 102 मिलियन से बढ़कर 2030 तक 296 मिलियन होने की संभावना है, जिससे उच्च मूल्य वाली उपभोग योग्य वस्तुएं खरीदना और भी सुलभ होगा।

प्रीमियम श्रेणियों में वृद्धि
ऑटोमोबाइल्स: उच्च श्रेणी के वाहनों की बिक्री में 24 प्रतिशत की वृद्धि।
फैशन और ब्यूटी: प्रीमियम वस्त्रों में 18 प्रतिशत की वृद्धि।
प्रौद्योगिकी और गैजेट्स: उच्च प्रदर्शन वाले उपकरणों की मांग।
यात्रा और आतिथ्य: अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में वृद्धि और घर के अंदर लक्ज़री पर्यटन का बढ़ता हुआ चलन।

आगे का रास्ता: बड़े अवसर, बड़ी अपेक्षाएँ
ब्रांडों को अपने उत्पादों के साथ-साथ उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं को भी समझना होगा। सफलता के लिए सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता से ज्यादा की आवश्यकता होगी, जिसमें व्यक्तिगत अनुभव, सततता, और ओम्नी-चैनल रणनीतियाँ शामिल होंगी।

Related Articles

Back to top button