यूपी का एक गांव जहां थम नहीं रहा कैंसर का प्रकोप, 2 वर्ष में 2 दर्जन से अधिक कैंसर रोगी, अबतक हो चुकी है 7 की मौत

डेस्क : जिंदगी हर कदम एक नई जंग है’. जी हां, यह एक गीत की पंक्तियां है। जब यह जंग जिंदगी और मौत की बीच हो और मौत की जीत अंतिम पायदान पर हो तो इंसान पर क्या बीतती है यह तो ईश्वर ही जानता है। फर्रुखाबाद के विकासखंड शमशाबाद के गांव सहसा जगदीशपुर में लगातार कैंसर मरीजों की बढ़ती तादाद बढ़ रही है। इसे अब लोग कैंसर गांव कहने लगे हैं। गांव गत पांच साल में दो दर्जन से अधिक कैंसर रोगी सामने आ चुके हैं और वर्तमान में कई कैंसर रोगियों का इलाज चल रहा है। कैंसर का कहर कई परिवारों में जिंदगियों को लील चुका है।

सहसा जगदीशपुर गांव की आबादी करीब दो हजार के आस-पास है। इस गांव का दूसरा नाम कैंसर वाला गांव भी है। इसके पीछे भी एक वजह है कि इस गांव में कैंसर की बीमारी से अब तक 8 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और वर्तमान में भी लोग यहां इस भयंकर बीमारी से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक अभी भी गांव में करीब 2 दर्जन लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। सहसा जगदीशपुरगांव में फैली इस बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग केवल जांच कर खानापूर्ति की जा रही है लेकिन यह बीमारी कहां और कैसे फैल रही है इसका अभी तक स्वास्थ्य विभाग पता नहीं लगा सका है, जबकि इस गांव की तमाम महिलाएं विधवा हो गईं तो तमाम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। लगातार शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में लगातार जाकर सैम्पल लिए जाते है।सैम्पलों की रिपोट क्या है किसी को पता नहीं।

सहसा जगदीशपुरमें कैंसर के कहर कई परिवारों में जिंदगियों को लील चुका है| सहसा जगदीशपुर गांव में कैंसर अपने पैर इस कदर पसर रहा है कि ग्रामीणों के बीच होने वाली बातों का विषय ही बदल गया है| लोग अक्सर यह कहते नजर आते हैं फलां व्यक्ति की हालत कैसी है| गांव में ऐसी हालात बन रही है की लोग दुआ सलाम करना भी भूल बैठे हैं| कैंसर से लगातार हो रही मौतों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है| गांव के बहुत से कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज बीकानेर, जयपुर, मुम्बई आदि स्थानों पर चल रहा है| इस बीच माली हालत के चलते कई कैंसर मरीज समुचित इलाज के अभाव में मौत का ग्रास बन रहे हैं|

गांव में कैंसर से किसी के पिता की मौत हो चुकी है तो किसी के भाई की तो किसी के पति स्वर्गवासी हो गया है । ग्रामीण बताते हैं कि अब तक करीब 8 लोगों की इस कैंसर से मौत हो चुकी है जबकि दो दर्जन लोग इस बीमारी से अभी भी ग्रसित हैं। गांव में तमाम मरीज हैं जो घरों पर हैं वह लोग अपनी मरहम पट्टी कराकर राहत पा रहे हैं। लोगों के कैंसर का फोड़ा होता है।

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