बजट को लेकर आप सांसद संदीप पाठक ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- “दिल्ली और पंजाब के साथ किया सौतेला व्यवहार”

राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने आगे कहा कि आज सरकार को जगाने की जरूरत है। आप एक विशाल देश के प्रधानमंत्री हैं, इतने महान देश के प्रधानमंत्री होने के बाद इतनी छोटी विचारधारा से आप बजट बनाओगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने बजट 2024 को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में उठाए गए मुद्दों पर भी जानकारी दी। संदीप पाठक ने कहा कि इस बार का बजट बेहद निराशाजनक रहा है। इस बजट में सरकार ने ना तो रोजगार पर ध्यान दिया है, ना ही युवाओं और किसानों के लिए कुछ किया है। केंद्र सरकार ने इस बजट में दिल्ली और पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया है।

छोटी मानसिकता के साथ काम कर रही केंद्र सरकार

इंडिया गठबंधन की बैठक में नीति आयोग की बैठक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत का मुद्दा भी उठा। नीति आयोग की बैठक में केंद्र सरकार की तरफ से निमंत्रण तो दिया जाता है लेकिन उस बैठक में कुछ नहीं निकलता है। बैठक में बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं पर लागू एक भी नहीं होती। इस बार के बजट से केंद्र सरकार का विजन साफ दिखाई दे रहा है। केन्द्र सरकार छोटी मानसिकता के साथ काम कर रही है।

सीएम केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर जाहिर की चिंता

राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने आगे कहा कि आज सरकार को जगाने की जरूरत है। आप एक विशाल देश के प्रधानमंत्री हैं, इतने महान देश के प्रधानमंत्री होने के बाद इतनी छोटी विचारधारा से आप बजट बनाओगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा? इंडिया गठबंधन की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जाहिर की गई। जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। उनका शुगर लेवल बार-बार कम हो रहा है। उनका शुगर लेवल 50 से भी नीचे गिरता जा रहा है। इस तरीके से रात में शुगर लेवल कम होना किसी भी व्यक्ति की जान के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इसपर LG साहब चिट्ठी लिखकर कहते हैं कि आप यह नहीं खा रहे है, वह नहीं खा रहे हैं। एक इंसान की जान का सवाल है और आप इस तरह की घटिया मजाक कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल हुए विपक्ष के सभी नेताओं ने इसपर चिंता जाहिर की है और कहा कि अरविंद केजरीवाल जी की जान के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।

सरकार देश के किसानों से करती है नफरत

बजट पर संदीप पाठक ने कहा कि सरकार के इस बजट का कोई लक्ष्य नहीं है। आप 10 साल से सरकार चला रहे हो तो आपके पास एक रोडमैप तो होना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि किस क्षेत्र को बढ़ावा देना है। आज बेरोजगारी दर 7.2 से बढ़कर 9% हो गई है। आपका कॉर्पोरेट मुनाफा तो बढ़ गया है लेकिन रोजगार नहीं बढ़ पाया है। किसानों को एमएसपी की गारंटी तो बहुत दूर की बात है आपने फर्टिलाइजर की सब्सिडी में 36 फीसदी की कमी कर दी है। भाजपा सरकार देश के किसानों से बेहद नफरत करती है। आप कॉर्पोरेट के बारे में तो सोच रहे हो लेकिन आपने किसान और युवाओं के बारे में एक बार भी नहीं सोचा। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र से आपको कोई मतलब नहीं है। दिल्ली सरकार अपने बजट में 25 फीसदी बजट शिक्षा पर खर्च करती है, वहीं केंद्र सरकार दो फीसदी से भी कम का बजट शिक्षा क्षेत्र को देती है। आप देश के युवाओं को अनपढ़ रखना चाहते हैं। दिल्ली सरकार अपने बजट में 15 फीसदी स्वास्थ्य क्षेत्र को देती है, वहीं केंद्र सरकार एक प्रतिशत से भी कम का बजट स्वास्थ्य को देती है।

आयुष्मान भारत अन्य योजना की तरह बना जुमला

उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत भी अन्य योजनाओं की तरह एक जुमला बनकर रह गया है। आयुष्मान भारत के लिए आप 7000 करोड़ का बजट रखते हो जबकि अकेले दिल्ली सरकार का हेल्थ बजट 9000 करोड रुपए है। यह किस तरह का भद्दा मजाक केंद्र सरकार देश के लोगों के साथ कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और किसानों से इन्हें कोई मतलब नहीं है, इन्हें बस अपनी कुर्सी बचानी है। जो केंद्र सरकार के राजनीतिक दोस्त हैं उन राज्यों को बजट में सबसे ऊपर रखा गया है। आपने गठबंधन होने के बाद ही क्यों उन राज्यों के बारे में सोचा? इससे पहले आपने उन राज्यों के बारे में कुछ क्यों नहीं किया? दिल्ली और पंजाब के साथ आपने भेदभाव किया है क्योंकि यहां पर आपके साथियों की सरकार नहीं है। अपने दिल्ली और पंजाब के हिस्से का पैसा रोक रखा है। आप किसी एक पार्टी या किसी एक राज्य के प्रधानमंत्री नहीं हैं, आप पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। केंद्र सरकार ने इस बार अपनी कुर्सी को बचाने वाला बजट पेश किया है। प्रधानमंत्री जी ने अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए यह बजट बनाया है, इस बजट का देश की जनता से कोई लेना-देना नहीं है।

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