
रिपोर्ट : स्वाति पाठक, दिल्ली
दिल्ली : यूपी के मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट केस में अंतरिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने जमानत के लिए कड़ी शर्तें लागू की हैं, जिनके तहत अब्बास अंसारी को लखनऊ में ही रहने और पुलिस को उसकी गतिविधियों की रिपोर्ट 6 सप्ताह में देने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट में गैंगस्टर केस की प्रगति के साथ-साथ यह भी बताया जाएगा कि अंतरिम जमानत पर रहते हुए अब्बास का आचरण कैसा रहा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह भी कहा कि अब्बास को लखनऊ के सरकारी विधायक आवास में रहना होगा, और यदि वह शहर से बाहर जाना चाहता है तो उसे जिला जज और लखनऊ पुलिस को सूचित करना होगा। इसके अलावा, अब्बास को बिना कोर्ट की इजाजत के यूपी से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त भी रखी है कि वह अपने ऊपर लंबित मुकदमों पर कोई बयान नहीं देंगे।
अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि अब्बास को नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था, और 10 मुकदमों में जमानत मिलने के बाद 4 सितंबर 2024 को उसे गैंगस्टर एक्ट केस में गिरफ्तार कर लिया गया। इस प्रकार, सभी मुकदमों में जमानत मिलने के बावजूद वह नए केस के कारण 5 महीने से जेल में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब्बास को कासगंज जेल में रखा गया है, जो उसके गृह क्षेत्र से बहुत दूर है।
वहीं, यूपी सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने अब्बास पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि कुछ अहम गवाहों के बयान बाकी हैं। उनका कहना था कि अब्बास की आपराधिक पृष्ठभूमि के चलते यह आशंका जताई जा रही है कि वह गवाहों को धमका सकता है। इस पर जजों ने कहा कि किसी आरोपी को अनिश्चित समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
अंत में, कपिल सिब्बल ने अब्बास अंसारी को राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बताते हुए उसकी पैरवी की। इस पर जजों ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह इस तरह का बयान न दें, क्योंकि इसका कुछ और अर्थ भी निकाला जा सकता है।