जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र का आगाज सोमवार से हो गया है। ऐसे में सत्र के पहले दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है। विपक्षी पार्टी बीजेपी का विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव न लड़ने के बाद ध्वनि मत से राथर को अध्यक्ष चुना गया।
कृषि मंत्री ने पेश किया प्रस्ताव
बता दें अब्दुल रहीम राथर के नाम का प्रस्ताव कृषि मंत्री जावेद अहमद डार ने पेश किया। वहीं सत्तारूढ़ दल के विधायक रामबन अर्जुन सिंह ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद राथर को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कुर्सी तक पहुंचाया। बता दें विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने संपन्न कराया।
7वीं बार विधायक चुने गए राथर
80 वर्षीय अब्दुल रहीम राथर इससे पहले भी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। वह लगातार चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र से 7वीं बार विधायक बन एक रिकॉर्ड बनाया है। बता दें सबसे उन्होंने साल 1977 में विधानसभा का चुनाव जीता था। वहीं उसके बाद 1983, 1987, 1996, 2002, 2008 और 2014 में विधायक चुने गए। राथर ने पीडीपी-कांग्रेस के गठबंधन की सरकार में साल 2002 से 2008 तक नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा राथर वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।
सदन में जमकर हुआ हंगामा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरूआत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण से हुई। इस दौरान सत्र के पहले ही दिन जमकर हंगामा देखने को मिला। दरअसल, पीडीपी विधायक वहीद पारा ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने का विरोध किया। इसके अलावा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग की। वहीं इसको लेकर विपक्ष ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया।