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Desk : उत्तर प्रदेश की सियासत में कब क्या बड़ा हो जाये इसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है. आज अखिलेश यादव ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गठबंधन से ओपी राजभर और चाचा शिवपाल को आज़ाद कर दिया. एक लेटर जारी करते हुए समजवादी पार्टी ने ओपी राजभर और शिवपाल यादव को गठंधन से जुदा कर दिया है. शिवपाल और राजभर को लेकर सपा ने कड़ा रुख दिखाया है. राजभर और शिवपाल को लेकर सपा ने सार्वजनिक घोषणा गठबंधन से आज़ाद करने की कही गयी है. सपा ने राजभर पर बीजेपी को मजबूत करने का आरोप लगाया है.
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समाजवादी पार्टी ने कहा कि ओपी राजभर जहां चाहें जाने को आजाद, चाचा के प्रति भी अखिलेश ने कड़ा रुख अपनाया है. लेटर में चाचा शिवपाल को लेकर कहा गया है कि शिवपाल भी जहां जाना चाहें वो स्वतंत्र हैं शिवपाल और राजभर को लेकर अखिलेश का कड़ा रुख देखने को मिला है. बीजेपी को लेकर सपा ने शिवपाल और राजभर को घेरा है.
आपको बता दें कि ओपी राजभर ने पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर तारीफों के पुल बांधे थे, साथ ही द्रौपदी मुर्मू के स्वागत में आयोजित रात्रिभोज में सम्मिलित होने के बाद से ही ये समझा जाने लगा था कि गठबन्धन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.आज अखिलेश यादव ने पार्टी की ओर एक पत्र जारी किया और चाचा शिवपाल और ओपी राजभर को आज़ाद कर दिया.
गौर हो कि शुक्रवार को राजभर को Y+ सुरक्षा के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में उनके बीजेपी से गठबंधन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. शासन के आदेश पर गाजीपुर पुलिस ओमप्रकाश राजभर की सुरक्षा के लिए 16 पुलिसकर्मियों की तैनाती करेगी. सपा गठबंधन के घटक दल सुभासपा प्रमुख बीते कुछ वक्त से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगातार तीखे हमले बोल रहे थे. आज बड़ी मुहर लगाते हुए अखिलेश यादव ने उनको गठबंधन से आजाद कर दिया.
ओमप्रकाश राजभर और भाजपा के मजबूत होते रिश्ते 2024 चुनाव के लिहाज से भी बेहद अहम है. यूपी से लोकसभा में 80 सीटें आती हैं. 2024 चुनाव को लेकर भाजपा ने कम से कम 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. चूंकि ओमप्रकाश राजभर की कई लोकसभा सीटों पर अच्छी पकड़ है और यह बात बीजेपी को पता है.