अडानी फाउंडेशन की टीम ने मलिन बस्ती में चलाया मोटे अनाज के प्रति जागरूकता अभियान, प्रयोग के बताए फायदे

अडानी विल्मार द्वारा संचालित अडानी फाउंडेशन की टीम द्वारा पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत मालिन बस्ती में बच्चों, किशोरी, गर्भवती महिलाओं और धात्री महिलाओं को मोटे (साबुत)अनाज के प्रति जागरूक किया. विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम जिसमें पोषण रैली, महिलाओं और किशोरियों के साथ सामुदायिक बैठक, फॅमिली काउंसलिंग एवं घर जाके परागत भोजन की सुपोषित थाली तैयार करके उनको मोटे अनाज के इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य लाभ से अवगत कराया जाता रहा है.

वाराणसी- 29 मार्चः अडानी विल्मार द्वारा संचालित अडानी फाउंडेशन की टीम द्वारा पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत मालिन बस्ती में बच्चों, किशोरी, गर्भवती महिलाओं और धात्री महिलाओं को मोटे (साबुत)अनाज के प्रति जागरूक किया. विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम जिसमें पोषण रैली, महिलाओं और किशोरियों के साथ सामुदायिक बैठक, फॅमिली काउंसलिंग एवं घर जाके परागत भोजन की सुपोषित थाली तैयार करके उनको मोटे अनाज के इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य लाभ से अवगत कराया जाता रहा है.

अडानी फाउंडेशन द्वारा सुपोषण प्रोजेक्ट के अंर्तगत सभी लाभार्थियों के घर पर सुपोषण संगीनियो द्वारा मोटे अनाज से विभिन्न प्रकार के परंपरागत व्यंजन तैयार करने की विधि के साथ व्यंजन की प्रदर्शनी के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया जा रहा है. व्यंजनों में बाजरा, रागी, ज्वार, मक्का के आटा से फारा, चिला, गुजियां, बिस्किट, बाटी, चूरमा, गुलगुला, टोकावा, पराठा, पकौड़ी, इडली माठ, डोसा इत्यादि बनाया जा रहा है.

इसके साथ-साथ बाजरा, रागी, कोदो, कुट्टू, टिन्नी का खीर, खिचड़ी, चावल और इसके साथ ही रामदाने, बाजरे, रागी का लड्डू, पेड़ा, बर्फी, लॉलीपॉप इत्यादि के नियमित सेवन से शरीर में मुख्य पोषक तत्वों की आवश्यकता जैसे प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेड, खनिज लवण, बसा,जल और फाइबर की पूर्ति होती है.

इसी से घर और समुदाय के सभी लोग स्वस्थ्य और सुखी जीवन बिता सकते हैं. साथ ही दुनिया भर की बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है. कहावत है की “स्वस्थ्य और निरोगी काया पाना है तो मोटे अनाज का नियमित रूप से सेवन करना होगा “ये पोषण पखवाड़ा 20 मार्च से 3 अप्रैल तक निरंतर चलेगी. मोटे आनाज से भरपूर पोषण मिलता है. जो बच्चो, किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है. जिसे प्रतिदिन खाने में प्रयोग करना चाहिए.


इस अवसर पर ममता यादव, प्रियंका तिवारी, जुगल केशरी, सुजाता यादव के साथ २ सुपोषण संगिनी प्रीति सोनी, नीलम, रीता, सोनालिका, रेशमा, अंजुम, शबनम, सना के अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ती, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, सहायिका एवं अन्य संस्था के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

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