अदाणी ग्रीन एनर्जी ने अपनाया ग्लोबल बायोडायवर्सिटी डिस्क्लोज़र फ्रेमवर्क, 2030 तक बायोडायवर्सिटी में कोई नुकसान नहीं का किया वादा

यह फ्रेमवर्क संगठनों को प्रकृति और जैव विविधता से जुड़े अपने निर्भरता, प्रभाव, जोखिम और अवसरों का वैज्ञानिक तरीके से मूल्यांकन और खुलासा करने का एक ढांचा प्रदान करता है।

अहमदाबाद: भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने अपनी स्थिरता यात्रा में एक बड़ा कदम उठाते हुए Taskforce on Nature-related Financial Disclosures (TNFD) फ्रेमवर्क को अपने समग्र संचालन में शामिल किया। यह फ्रेमवर्क संगठनों को प्रकृति और जैव विविधता से जुड़े अपने निर्भरता, प्रभाव, जोखिम और अवसरों का वैज्ञानिक तरीके से मूल्यांकन और खुलासा करने का एक ढांचा प्रदान करता है।

AGEL ने FY24 से ही अपने सभी ऑपरेशनल साइट्स पर प्रकृति-संबंधित प्रभाव, जोखिम और अवसरों का आकलन शुरू किया था। यह पहल केवल साल के अंत की रिपोर्टिंग तक सीमित न रखते हुए रणनीतिक योजना में प्रकृति-सकारात्मक ऊर्जा विकास को शामिल करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

AGEL के CEO आशीष खन्ना ने कहा, “प्रकृति हमारे विकास की कहानी का केंद्र है। TNFD के सिद्धांतों को अपनाकर हम न केवल अक्षय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं बल्कि इसके साथ-साथ प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को भी मजबूत कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि रिन्यूएबल एनर्जी का विस्तार सीधे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पुनर्स्थापना में योगदान करे।”

AGEL ने 2030 तक बायोडायवर्सिटी में कोई नुकसान न होने (No Net Loss of Biodiversity) का वादा किया है और इसके लिए अपने प्रोजेक्ट स्थलों पर 27.86 मिलियन पेड़ लगाने की योजना बनाई है। कंपनी पहले से ही सर्टिफाइड वाटर-पॉज़िटिव ऑपरेशन्स, सिंगल-यूज़-प्लास्टिक-फ्री स्टेटस और जीरो वेस्ट-टू-लैंडफिल साइट्स जैसी मजबूत ESG पहल कर रही है।

TNFD फ्रेमवर्क के साथ AGEL ने वैश्विक स्तर पर जैव विविधता और स्थिर ऊर्जा में नेतृत्व को और मजबूत किया है, जिससे वैश्विक संरक्षण प्रयासों और भारत की जलवायु नेतृत्व महत्वाकांक्षाओं का समर्थन होता है।

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