
किसी राष्ट्र की ताकत उसके युवा होते हैं. युवा देश का भविष्य हैं, और उनमें राष्ट्र निर्माण की शक्ति है. इसके लिए उन्हें अवसर देने की जरूरत है. वे भविष्य हैं और यदि उनकी प्रतिभा को ठीक से तराशा गया और सही दिशा दी गई, तो यह एक देश को समृद्ध और फलने-फूलने में मदद करेगा. भारत जैसे देश में सिर्फ शहरी युवाओं का ही नहीं बल्कि शिक्षा और अवसरों के मामले में ग्रामीण युवा आबादी को भी सशक्त बनाना सबसे महत्वपूर्ण है.
मिसाल के तौर पर छत्तीसगढ़ के उदयपुर (सरगुजा) के घाटबर्रा गांव की लड़की करीना को ही ले लीजिए. वह 10वीं कक्षा के बाद अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सकी क्योंकि उसके माता-पिता के लिए उसे हाई स्कूल की शिक्षा दिला पाने में अक्षम रहे. लेकिन, निराशा का जीवन जीने के बजाय, करीना ने सिलाई मशीन ऑपरेटर के रूप में एक अल्पकालिक नौकरी करके खुद को आगे बढ़ाने का फैसला किया. आज, वह निट गैलरी प्राइवेट लिमिटेड के साथ 11, 500 रुपये के मासिक वेतन पर काम करती है.
यह केवल इसलिए संभव था क्योंकि उनके पास अवसर थे. जिसे अदानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर द्वारा साकार किया गया था. यह अदानी फाउंडेशन की एक अनूठी पहल थी, जिसका उद्देश्य सभी को कुशल, रोजगारपरक और उद्यमी बनाना था. ताकि वे अपने करियर की आकांक्षा हासिल करने या आगे बढ़ने में लाभान्वित हो सकें और साथ ही प्रशिक्षित जनशक्ति प्राप्त करने की उद्योगों की मांगों के मानचित्रण के साथ सामाजिक जीवन का उत्थान करना संभव हो सके.
अब पीछे मुड़कर देखें तो करीना को अपने ASDC, सरगुजा सफर पर गर्व है. वह कहती हैं “ASDC सरगुजा ही वो कारण है कि मेरी शादी किसी लड़के से नहीं हुई है या मैं अपने पिता पर निर्भर नहीं हूं. मैं अपने परिवार की देनदारी नहीं हूं. मेरे पास जीवन में एक रास्ता है जिसका मैं यहां से पालन करने जा रही हूं.” करीना के जैसे ही भारत में कई ऐसे युवा हैं जो ASDC के सक्षम कार्यक्रम से लाभान्वित हुए हैं.
केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के विझिंजम के करिम्पल्लिक्कारा गांव के 23 वर्षीय अजिन भी 10वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर सके, जिसके कारण वे बेरोजगार थे. ASDC विझिंजम में जनरल ड्यूटी असिस्टेंट के कोर्स में दाखिला लेने के बाद अजिन को आशा होम केयर में 18,000 रुपये मासिक वेतन पर नौकरी मिली.
ASDC के बारे ने अजिन ने कहा “मैं अपने परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य हूँ, और मुझे इस बात का गर्व है कि इस कोर्स की वजह से मैं अपने परिवार का भरण-पोषण कर पा रहा हूँ और अपने लिए करियर भी बना पा रहा हूँ. मैं अपने गांव में कई लोगों के लिए एक आदर्श हूं.” इनके अलावा अनुपम कुमार डे ने ASDC का कोर्स पूरा करने के बाद अपने जीवन की दिशा ही बदल दी.
गोड्डा, झारखंड में एएसडीसी से सहायक इलेक्ट्रीशियन अब अपने जीवन के बारे में बात करते हुए, कहते हैं, “मैंने तकनीकी कौशल, सॉफ्ट स्किल, व्यक्तित्व विकास आदि हासिल कर लिया है. मुझे जेबीएम इंडस्ट्रीज में मशीन ऑपरेटर के रूप में नौकरी भी मिली. मैं अहमदाबाद में जय भारत मारुति कंपनी में शामिल हो गया हूं. मैं प्रति माह 14,500 रुपये का वेतन कमाता हूं, और मैं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के अलावा अपनी उच्च शिक्षा के लिए भी इसका कुछ हिस्सा बचा रहा हूं.”
ऐसे सैंकड़ों युवाओं की कहानी ASDC या अडानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर से जुडी हुई है. अडानी समूह का यह उपक्रम भारत में युवा शक्ति का समुचित उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है और एक नए भारत की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ा है. साथ ही लोगों की जिंदगी भी बदल रहा है.