Adani news: अदाणी ग्रुप ने किया भारत ज्ञान ग्राफ़ का ऐतिहासिक ऐलान

इसका उद्देश्य भारत की सभ्यता, भाषाओं, दार्शनिकता, विज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर के अध्ययन को पुनर्जीवित करना है।

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अहमदाबाद में आयोजित Adani Global Indology Conclave के उद्घाटन के दौरान एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत ज्ञान ग्राफ़ (Bharat Knowledge Graph) बनाने का एलान किया। यह डिजिटल फ्रेमवर्क भारत की सभ्यता से जुड़े ज्ञान को संरक्षित, संरचित और भविष्य के लिए तैयार करने का उद्देश्य रखता है, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में।

ज्ञान की संरचना और संरक्षिण की दिशा में अदाणी ग्रुप की पहल
अदाणी ग्रुप ने भारतीय ज्ञान प्रणालियों (IKS) मंत्रालय के साथ मिलकर इस तीन दिवसीय वैश्विक इंडोलॉजी कांफ्रेंस का आयोजन किया है। इसका उद्देश्य भारत की सभ्यता, भाषाओं, दार्शनिकता, विज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर के अध्ययन को पुनर्जीवित करना है।

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने उद्घाटन भाषण में कहा, “यह हमारे लिए एक शुरुआत है, मैं गर्व के साथ ₹100 करोड़ का योगदान भारत ज्ञान ग्राफ़ बनाने और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और तकनीकी विशेषज्ञों का समर्थन करने की घोषणा करता हूँ। यह हमारी सभ्यता के प्रति एक ऋण चुकाने जैसा है।”

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी का संदेश
इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी, ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य, जिन्होंने कहा, “जब मैंने शंकराचार्य का पद संभाला था, तब मैंने कहा था कि मेरी भूमिका तभी सार्थक होगी जब भारत विश्वगुरु बनेगा। और आज गौतम अदानी जी की यह पहल मेरे उसी सपने का एक बड़ा समर्थन है।”

अदाणी ग्रुप और IKS की साझेदारी
यह कांफ्रेंस Adani Corporate House (ACH) अहमदाबाद में 20 से 22 नवम्बर 2025 तक आयोजित की जा रही है। जबकि दुनियाभर में इंडोलॉजी विभागों का महत्व कम हो रहा है, यह पहल भारत के ज्ञान प्रणालियों की स्वामित्व की फिर से पहचान कराकर इसे दुनिया के सामने एक प्रामाणिक और शोध-आधारित भारतीय दृष्टिकोण से पेश करने का प्रयास है।

संस्कृति और परंपराओं की रक्षा की आवश्यकता
गौतम अदाणी ने कहा, “यदि एक सभ्यता अपनी सांस्कृतिक और भावनात्मक ढांचों की रक्षा नहीं करती, तो मानव व्यवहार, न कि संस्कृति या परंपरा की ओर, बल्कि मशीन के एल्गोरिदम की ठंडी तर्कशीलता की ओर मुड़ जाएगा। यह बदलाव चुपचाप और धीरे-धीरे होगा और हमारे देश को महसूस करने, सीखने और विश्लेषण करने के तरीके को पुनः आकार देगा।”

IKS और अदाणी ग्रुप का सहयोग
यह साझेदारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत भारत के पारंपरिक ज्ञान ढांचों को समकालीन शिक्षा में समाहित करने के लिए काम कर रही है। IKS भारतीय प्राचीन ज्ञान को विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यधारा में लाने के लिए कार्यरत है, जैसे इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान, भाषाविज्ञान, सार्वजनिक नीति और स्वास्थ्य सेवा।

PhD Scholars के लिए पांच साल का कार्यक्रम
अदाणी ग्रुप और IKS मिलकर 14 PhD शोधकर्ताओं के लिए एक पांच साल के कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं। यह शोध पंणिनि व्याकरण, गणनात्मक भाषाविज्ञान, प्राचीन खगोलशास्त्र, स्वदेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियाँ, पारंपरिक इंजीनियरिंग में स्थिरता के सिद्धांत, राजनीतिक विचार, धरोहर अध्ययन और शास्त्रीय साहित्य जैसे विषयों पर होगा।

इन शोधकर्ताओं को IITs, IIMs, IKS-केंद्रित विश्वविद्यालयों और प्रमुख विद्वानों के साथ राष्ट्रीय परामर्श के माध्यम से चुना गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक उपकरणों जैसे डेटा विज्ञान, प्रणालियों की सोच और मल्टीमॉडल अभिलेखन के साथ जोड़कर इंडोलॉजी को समकालीन शैक्षिक चर्चा और वैश्विक विद्वत्ता में प्रासंगिक बनाना है।

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