
भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की थर्मल पावर जनरेटर कंपनी, को मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) से 1600 MW की अतिरिक्त बिजली आपूर्ति क्षमता मिली है। यह क्षमता हाल ही में सम्पन्न हुई टेंडर प्रक्रिया के तहत अदाणी पावर को दी गई है। कंपनी को इस संबंध में एक लेटर ऑफ अवार्ड (LoA) प्राप्त हुआ, जिसमें 800 MW अतिरिक्त क्षमता ‘ग्रीनशू विकल्प’ के तहत दी गई है।
ग्रीनशू विकल्प: एक नई पहल
यह 800 MW की अतिरिक्त क्षमता उसी टैरिफ पर होगी जो पहले 800 MW के लिए निर्धारित था, यानी ₹5.838 प्रति यूनिट। अदाणी पावर मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में 1600 MW का अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट स्थापित करेगा। इस परियोजना को डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन और ऑपरेट (DBFOO) मॉडल के तहत लागू किया जाएगा, और इसे 60 महीने में चालू कर दिया जाएगा। कंपनी इस प्रोजेक्ट में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह पावर प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश के बढ़ते बिजली मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा, जो औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण लगातार बढ़ रही है। यह राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती देगा। ग्रीनशू विकल्प का यह प्रयोग कोयला आधारित पावर टेंडर में एक नई दिशा दर्शाता है और इसे भारत में पहली बार अपनाया गया है।
अदाणी पावर की सफलता की राह
अदाणी पावर के सीईओ एस.बी. खयालिया ने कहा, “हमें गर्व है कि अदाणी पावर ने मध्य प्रदेश में पहले 800 MW की परियोजना जीती और अब ग्रीनशू विकल्प के तहत अतिरिक्त 800 MW का आदेश प्राप्त किया है। इससे राज्य के लोगों को सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिल सकेगी और मध्य प्रदेश के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी।”
रोजगार के अवसर और सामाजिक प्रभाव
यह परियोजना करीब 9,000-10,000 लोगों को निर्माण चरण के दौरान और 2,000 लोगों को जब प्लांट चालू होगा, रोजगार प्रदान करेगी। इसके अलावा, कोयला लिंकिंग को SHAKTI नीति के तहत भारत सरकार से मंजूरी मिली है।
अदाणी पावर की बढ़ती महत्वाकांक्षाएँ
अदाणी पावर भारत की बढ़ती बेस लोड डिमांड को पूरा करने के लिए अपने सबसे बड़े निजी क्षेत्र के कैपेक्स प्रोग्राम पर काम कर रही है। वर्तमान में कंपनी की 18.15 GW की ऑपरेटिंग क्षमता है, और इसका लक्ष्य 2031-32 तक 41.87 GW तक पहुंचने का है।









