अदाणी पावर का Q2 में मजबूत प्रदर्शन- पावर बिक्री वॉल्यूम में 7.4% की वृद्धि

APL ने 2031-32 तक 42,000 MW की स्थापित क्षमता का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य के तहत, कंपनी विभिन्न ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड ...

अदाणी पावर लिमिटेड (APL), जो अदाणी समूह का हिस्सा है, ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त हुए दूसरे तिमाही और अर्धवार्षिक वित्तीय परिणामों की घोषणा की। कंपनी के CEO श्री S B ख्यालिया ने कहा, “अदाणी पावर ने एक बार फिर मजबूत और स्थिर वित्तीय प्रदर्शन प्रदर्शित किया है, भले ही मौसम के कारण मांग में उतार-चढ़ाव हुआ। हमने SHAKTI योजना के तहत 4.5 GW नए लंबी अवधि के PPA (Power Purchase Agreements) प्राप्त किए हैं। हम 2031-32 तक अपनी स्थापित क्षमता को 42 GW तक बढ़ाने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।”

पावर मार्केट अपडेट:
इस तिमाही में मानसून की शुरुआत मई 2025 में हुई और यह सामान्य से अधिक समय तक जारी रहा, जिसके कारण ऊर्जा की मांग में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इससे पावर मार्केट में दरें भी प्रभावित हुईं। भारत की कुल ऊर्जा मांग में Q2 FY26 में केवल 3.2% की वृद्धि हुई, जो पिछले साल के समान तिमाही के मुकाबले धीमी थी।

ऑपरेटिंग प्रदर्शन:

  • स्थापित क्षमता (MW): 18,150 MW (Q2 FY26)
  • प्लांट लोड फैक्टर (PLF): 62.8% (Q2 FY26)
  • बिक्री की गई यूनिट (BU): 23.7 BU (Q2 FY26)

वित्तीय प्रदर्शन:
कंपनी ने Q2 FY26 में 13,106.34 करोड़ रुपये की जारी संचालन आय दर्ज की, जो Q2 FY25 की 12,949.12 करोड़ रुपये से 1.21% अधिक थी। हालांकि, उच्च कर खर्च और अधिक मूल्यह्रासण के कारण शुद्ध लाभ में 11.86% की कमी आई, जो Q2 FY25 के 3,297.52 करोड़ रुपये से घटकर 2,906.46 करोड़ रुपये रहा।

प्रोजेक्ट अपडेट्स:
APL ने 2031-32 तक 42,000 MW की स्थापित क्षमता का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य के तहत, कंपनी विभिन्न ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम कर रही है। Mahan, raipur और raigarh जैसी परियोजनाओं के विकास में तेजी आ रही है और इनमें 2026-29 के बीच चरणबद्ध रूप से काम पूरा होने की उम्मीद है।

ESG प्रदर्शन:
APL को Sustainalytics से ‘मध्यम जोखिम’ रेटिंग प्राप्त हुई है और कंपनी का CSR कार्य शिक्षा, स्वास्थ्य, टिकाऊ आजीविका, और सामुदायिक बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

कंपनी के शेयर विभाजन: 22 सितंबर 2025 को APL ने 1:5 के अनुपात में अपने शेयरों का विभाजन किया, जिससे कुल शेयरों की संख्या 3.86 अरब से बढ़कर 19.28 अरब हो गई।

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