कौन है ये महिला वैज्ञानिक ? जिन्होंने ISRO के मिशन सूर्य की संभाली कमान, Aditya-L1 की सफल लांचिंग के बाद दुनियाभर में चर्चा !

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो (ISRO) ने एक और मिशन सूर्य शुरु किया है। इसरो ने शनिवार को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल-1 (Aditya-L1) को सूर्य की ओर रवाना कर दिया है। आदित्य एल-1 की सफल लैंडिंग के बाद प्रोजेक्ट की डायरेक्टर निगार साजी (Nigar Shaji) की चर्चा तेजी से शुरु हो गई।

डिजिटल डेस्क। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो (ISRO) ने एक और मिशन सूर्य शुरु किया है। इसरो ने शनिवार को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल-1 (Aditya-L1) को सूर्य की ओर रवाना कर दिया है। आदित्य एल-1 की सफल लैंडिंग के बाद प्रोजेक्ट की डायरेक्टर निगार साजी (Nigar Shaji) की चर्चा तेजी से शुरु हो गई। दरअसल, निगार साजी (Nigar Shaji) के नेतृत्व में ही आदित्य एल-1 को सफलता पूर्वक लांच किया गया है। बताया जा रहा है, निगार साजी (Nigar Shaji) पिछले 35 सालों से ISRO से जुड़ी हैं। उन्होंने भारतीय सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग), संचार और अंतरग्रहीय उपग्रह कार्यक्रमों में शानदार योगदान दिया है।

आदित्य एल-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं निगार साजी (Nigar Shaji)

निगार साजी (Nigar Shaji) पिछले 35 सालों से ISRO में अपनी सेवाएं दे रही हैं। निगार शाजी 1987 में इसरो के सेटेलाइट सेंटर से जुड़ी थीं। वह रिसोर्ससैट-2ए की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रहीं, जो राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है। यही नहीं उन्होंने सिस्टम इंजीनियरिंग और इमेज कम्प्रेशन समेत कई अन्य विषयों पर ढेरों अनुसंधान पत्र भी लिखे हैं।

तमिलनाडू की रहने वाली हैं निगार साजी (Nigar Shaji)

निगार शाजी मूल रूप से तमिलनाडु के तेनकासी की रहने वाली हैं। जो चेन्नई से करीब 550 किलोमीटर दूर है। उन्होंने मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बीई किया है और बीआईटी रांची से इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स किया। वह बेंगलुरु स्थित इसरो में सैटेलाइट टेलीमेट्री सेंटर की प्रमुख भी रह चुकी हैं।

125 दिन में पूरा करेगा सफर

इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 मिशन का मेन पेलोड (उपकरण) विजिबल लाइन एमिशन कोरोनाग्राफ (VELC) है, जिसे भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics), बेंगलुरु की ओर से तैयार किया गया है।

इसरो ने चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 को लॉन्च कर दिया। लांचिंग के करीब एक घंटे बाद इसरो ने बताया कि आदित्य-एल-1 (Aditya-L1) यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलता के साथ अलग हो गया है। इस मिशन के जरिए सूर्य से संबंधित रहस्यों से पर्दा हटाने को लेकर रिसर्च किया जाएगा। आदित्य-एल-1 (Aditya-L1) सूर्य का रिसर्च करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। यह अंतरिक्ष यान 125 दिन के लंबे सफर के बाद लैग्रेंजियन प्वाइंट एल1 (Lagrangian point L1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा (Halo Orbit) में स्थापित होगा जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है।

Related Articles

Back to top button