प्रशासन का बड़ा कारनामा, जीवित किसान को दस्तावेजों में मृत किया घोषित, अधिकारी नही कर रहे सुनवाई

जिला प्रशासन का बड़ा कारनामा सामने आया है. शासन और अधिकारियों की गलती का खामियाजा एक बुजुर्ग किसान को भुगतना पड़ रहा है. अधिकारियों ने जीवित किसान को दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया जिस कारण अब वो दर दर की ठोंकरें खा रहा है.

डिजिटल डेस्क: कभी कभी हमारे आस पास के इलाके में कुछ ऐसी खबरें सामने आती है जो होती तो सत्य है लोकिन लगती फिल्म की कहानियों जैसी. आपनो एक फिल्म कागज तो देखी ही होगी. जिसमें एक्टर को मृत घोषित कर दिया जाता है जिसके बाद वो खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी तंत्र के चक्कर लगाता है. ठीक ऐसा ही मामला सामने आया है यूपी के कानपुर देहात जनपद से. ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानने के बाद सभी हैरान और परेशान है.

दरअसल यहां पर जिला प्रशासन का बड़ा कारनामा सामने आया है. शासन और अधिकारियों की गलती का खामियाजा एक बुजुर्ग किसान को भुगतना पड़ रहा है. अधिकारियों ने जीवित किसान को दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया जिस कारण अब वो दर दर की ठोंकरें खा रहा है. दस्तावेजों में किसान के मृत होने से किसान को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया है. ब्लाक के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण किसान परेशान है.

आपको बता दें कि पीड़ित किसान राम अवतार दुबे नें इस सिलसिले में एसडीएम से लेकर डीएम तक शिकायते करने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई है. जिस कारण बुजुर्ग किसान को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान लगातार अधिकारियों से खुद को कागजों मे जिंदा करने की गुहार लगा रहा है. मंडलायुक्त से किसान ने इस मामले को लेकर गुहार लगाई है. इसको लेकर मंडलायुक्त नें संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मामले में कार्रवाई की जाए लेकिन निर्देश के बाद भी जिले के अधिकारी मौन साधे हुए है. दुबारा रिमाइंडर पर अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई का हवाला दिया है. पूरा मामला ब्लाक मलासा क्षेत्र के गांव सिथरा का है.

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