
अमृतसर के बाहरी इलाके में बसे मुधल गांव को पिछले कुछ सालों में तीन सांसद गोद ले चुके हैं, लेकिन गांव आज भी बदहाल है। बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर इस गांव में आज भी हर जगह टूटी हुई सडकें और कूड़े के ढेर नजर आते हैं।
इस गांव को सबसे पहले अमृतसर से सांसद रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने गोद लिया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गांव को गोद लेकर 2019 में यहां से चुनाव लडा, लेकिन हार गए। फिर मौजूदा सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इसे गोद लिया।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यहां कोई विकास नहीं है। विकास के नाम पर कोई काम नही किया गया है। सड़कों पर खूब पानी भरता है, जिसमें मछलियां पाल सकते हैं।
यहां के कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार गोद लिए गए गांवों के लिए अलग से कोई फंड नहीं देती है। एमपी लैड्स फंड से सभी गांवों का विकास करना मुमकिन नहीं है।
अमृतसर सांसद गुरजीत सिंह औजला ने खास बातचीत में कहा कि वो गांव में 2019 के इलेक्शन से पहले की। 2019 के बाद मैंने कोई गांव गोद नहीं लिया। इसका रीजन ये था कि सरकार इसके लिए कोई ग्रांट नहीं देती है। सरकार इसके लिए कहती है कि आप लोगों से जाकर बातें करो, समझाओ की लोगों के हक क्या है। लोगों का मानना है कि गोद लेते हो तो पूरी डेवलपमेंट करो। उसके बावजूद मैंने 25 रुपया मैंने वहां का स्कूल और वहां की डिस्पेंसरी खोली है। लेकिन मेरे पास एमपी लैड्स का इतना फंड ही नही होता कि मैं दो करोड़ या चार करोड़ लगा कर बाकी को मैं क्या दूंगा।
लोकसभा चुनाव नजदीक आने पर अब लोगों को उम्मीद है कि राजनैतिक दल उनके गांव पर भी ध्यान देंगे।









