ज्ञानवापी के बाद काशी के ‘धरहरा मस्जिद’ को लेकर शुरू हुआ विवाद, नमाज पर प्रतिबन्ध लगाने की उठाई गई मांग…

न्यायालय से अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि विवाद थामने के बाद काशी के ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद इन दिनों सुर्खियों में है। ज्ञानवापी विवाद बढ़ने के बाद से ही देश में एक के बाद एक मस्जिद और धरोहरों को लेकर विवाद शुरू हो गया गया , कभी मथुरा तो कभी कुतुबमीनार व ताजमहल ऐसे तमाम स्थानों पर सर्वे करने की मांग न्यायालय से की जा रही है। ऐसा ही एक और मामला धर्म की नगरी काशी में आया है , यह विवाद वाराणसी के पंचगंगा घाट स्थित एक राष्ट्रीय धरोहरहर को लेकर पनपा है जिसे सभी धरोहरा के नाम से जानते है। मुस्लिम समाज इस धरोहर को मस्जिद तो हिंदू इसे भगवान विष्णु का मंदिर बनाते है। विवादो के बीच यह धरोहर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के अंडर में है लेकिन इसके बावजूद एक ऐसा विवाद सामने आया जिसे लेकर कुछ लोग न्यायालय पहुंच गए ।

धर्म की नगरी काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और उसके बाद अब सर्वे का वीडियो लीक होने का मामला अभी चल ही रहा है कि इन सबके बीच कुछ काशी के युवाओं ने वाराणसी के सिवली जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में एक नया वाद पंचगंगा घाट स्थित धरहरा ( धरोहर ) को लेकर दाखिल ,कर दिया है । यह वाद 5 लोगों द्वारा सादिक अली, जमाल और मुन्ना के विरुद्ध डाला है कोर्ट में उसे विष्णु जी का विशाल मंदिर बताते हुए नमाज पर रोक की मांग की है। इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने इसे प्रकीर्ण वाद घोषित करते हुए अगली तारीख 4 जुलाई नियत की है।

याचिका करने वाले अतुल कुल ने बताया कि यदि कोई धरोहर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है तो वहां पर किसी भी धार्मिक आयोजन , पूजन , नमाज या प्रार्थना करने की अनुमति नही होती है लेकिन माधव सिंह के धरोरा जो की भगवान विष्णु का मंदिर है , जिसे औरंगजेब ने तोड़कर मस्जिद का रूप दिया वहां सभी नियम को ताक पर रख कर एक समुदाय को नमाज पढ़वाया जा रहा है। यही नहीं वहां एक समुदाय के द्वारा लगातार धार्मिक आयोजन करवाया जा रहा है लेकिन जब इस मंदिर में हिंदू धर्म के लोग जाते है तो उन्हें रोक दिया जाता है। इसी को लेकर वह न्यायालय में याचिका दिया है की माधव सिंह का धरहरा भगवान विष्णु का मंदिर है जिसका उल्लेख प्राचीन किताबो में मिलता है वहां नमाज पर प्रतिबंध लगाया जाए।

अदालत ने इसे प्रकीर्ण वाद के तौर पर दर्ज करने का आदेश देते हुए सुनवाई की अगली डेट 4 जुलाई फिक्स की है। पंचगंगा घाट निवासी अतुल कुल, हरतीरथ निवासी राहुल मिश्रा, कोटवां निवासी राजेंद्र प्रसाद, मध्यमेश्वर निवासी श्यामजी सिंह एवं मच्छोदरी निवासी रमेश यादव ने पंचगंगा घाट स्थित धरहरा को लेकर यह याचिका दायर की है। सिविल जज सीनियर डिवीजन जज (जूनियर ) की अदालत में दायर इस याचिका में उन्होंने सादिक अली निवासी सलेमपुरा, जमाल और मुन्ना को पार्टी बनाया है।

इस याचिका में वादियों की तरफ से कहा गया है कि औरंगजेब ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पर आक्रमण के दौरान बिंदु माधव मंदिर पर हमला कर उसे भी नष्ट कर दिया था। अब वहां अनधिकृत रूप से नमाज अदा की जाती है। वहां नमाज सहित प्रतिवादियों के अन्य क्रियाकलाप पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके अलावा हिन्दुओं को वहां पूजा का अधिकार दिया जाए और हमारे किसी भी आयोजन में किसी भी प्रकार की अड़चन दूसरे वर्ग द्वारा न की जाए इसे सुनिश्चित किया जाए। वादी पक्ष का कहना है कि पंचगंगा घाट पर बिंदु माधव के नाम से विष्णुजी का मंदिर था।

काशी में पनपा यह नया विवाद के बाद ज्ञानवापी के साथ ही धरहरा पर भी सुनवाई 4 जुलाई को होगी , लेकिन इस पूरे मामले में देखा जाए तो किसी धरोहर पर किसी भी धर्म का आयोजन या प्रार्थना के रोक के बाद भी यदि मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा कर रहे है तो ऐसे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पर भी सवाल खड़े हो रहे है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या न्यायालय नियमो की हो रही अनदेखी पर पाबंदी लगाएगी या कानूनी दांव पेंच में धरहरा का उठा यह विवाद फंस कर रह जाएगा। बहरहाल हिंदू पक्ष के पक्षकार अब इस धरहरा को भगवान विष्णु का मंदिर बता इस मामले पर एक बार फिर चर्चा शुरू कर दिया है।

धर्म की नगरी काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे और उसके बाद अब सर्वे का वीडियो लीक होने का मामला अभी चल ही रहा है कि इन सबके बीच कुछ काशी के युवाओं ने वाराणसी के सिवली जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में एक नया वाद पंचगंगा घाट स्थित धरहरा ( धरोहर ) को लेकर दाखिल ,कर दिया है । यह वाद 5 लोगों द्वारा सादिक अली, जमाल और मुन्ना के विरुद्ध डाला है कोर्ट में उसे विष्णु जी का विशाल मंदिर बताते हुए नमाज पर रोक की मांग की है। इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने इसे प्रकीर्ण वाद घोषित करते हुए अगली तारीख 4 जुलाई नियत की है।

Related Articles

Back to top button
Live TV