
झांसी के गरौठा नगर में समाजसेवी दंपति राम रतन गुप्ता और रामदेवी गुप्ता की दुखद मृत्यु ने नगरवासियों को स्तब्ध कर दिया। सुबह रामदेवी गुप्ता का निधन हुआ और केवल कुछ घंटे बाद उनके पति राम रतन गुप्ता ने भी अंतिम सांस ली। यह घटना नगर के लोगों के लिए शोक और स्तब्धता का कारण बनी।
राम रतन गुप्ता ने अपने जीवन के 60 वर्षों तक नगर और समाज की सेवा में अपना योगदान दिया। वे धर्मार्थ कार्यों और समाज सेवा के लिए पूरे नगर में प्रसिद्ध थे। उनकी मेहनत और समर्पण से कई जरूरतमंद परिवारों की मदद हुई। रामदेवी गुप्ता भी अपने पति के साथ हर समाजिक और धर्मार्थ कार्य में सक्रिय रही।
कुछ घंटे के अंतराल में पति-पत्नी का एक साथ निधन यह दर्शाता है कि उनका बंधन केवल जीवन तक ही सीमित नहीं था, बल्कि मृत्यु तक भी अटूट रहा। नगरवासियों ने दोनों को एक आदर्श दंपति के रूप में याद किया। उनके बेटों ने आज दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया, और पूरे नगर की आंखें नम थीं।
नगर में दंपति की याद में शोक की लहर फैल गई। लोग कहते हैं कि राम रतन और रामदेवी गुप्ता ने सच्चे अर्थों में विवाह के सात वचन निभाए और जीवन भर एक-दूसरे का साथ दिया। उनका जीवन प्रेम, समर्पण और समाज सेवा का प्रतीक था।
गरौठा ने एक आदर्श समाजसेवी जोड़ी खो दी है। उनके योगदान और जीवन के आदर्श आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगे। राम रतन और रामदेवी गुप्ता ने यह दिखाया कि सच्चा प्रेम और समर्पण न केवल जीवन में, बल्कि मृत्यु तक भी एक साथ रहता है।









