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उम्र हो जाने के बाद अक्सर देखा जाता हैं कि बच्चे अपने माता पिता का साथ छोड़ देते हैं। और अपनी दुनिया में मस्त हो जाते हैं। कई बार वे यह भी भूल जाते हैं। कि जो उन्हें इस दुनिया में लाये उन्हें कोई परेशानी हैं। उनकी तबियत और स्वास्थ्य से भी कोई मतलब नहीं रखते हैं। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार से सामने आया है जिसमें एक पिता ने अपने पुत्र से गुजारा भत्ता की मांग करते हुए माता-पिता वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत याचिका दायर की हैं।
हरिद्वार के ज्वालापुर आर्यनगर निवासी चंद्र प्रकाश शर्मा की ओर से एसडीएम पूरण सिंह राणा की कोर्ट में माता-पिता वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि उनकी उम्र 71 वर्ष है। कोर्ट में बताया था कि उनका पुत्र मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है। वह माता-पिता को भरण पोषण के लिए गुजारा भत्ता नहीं दे रहा है। जिससे वह पत्नी का इलाज भी सही ढंग से नहीं करा पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत बेटे को अपने बुजुर्ग माता-पिता को गुजारे भत्ते के रूप में 20 हजार रुपये प्रति माह देने होंगे। एसडीएम ने मामले की सुनवाई करते हुए बुजुर्ग दंपति के बेटे शरद शर्मा को कोर्ट में तलब किया। एसडीएम ने उन्हें अपने कर्तव्यों और दायित्वों के बारे में समझाया। एसडीएम की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। प्रत्येक माह बुजुर्ग दंपति को गुजारे भत्ते की रकम उपलब्ध कराने के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया गया है।