दिल्ली- दीपावली और छठ महापर्व की पूजा के बाद अब देश में शादियों का सीजन शुरु हो गया है.लाखों शादियों के लिए कई जगहों पर होटल और शादी घर बुक हो चुके है.भारत में होने वाली शादियों पर सभी की नजरें टिकी हुई है.ऐसे में यह देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शादी बाजार बनने जा रहा है.बता दें कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का अनुमान है कि नवंबर से दिसंबर के मध्य तक करीब 35 लाख शादियां होंगी.
35 लाख शादियों को लेकर खर्चे का भी अनुमान लगाया जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार,इस शादियों के दौर के दौरान 4.25 ट्रिलियन रुपये का चौंका देने वाला खर्च होने की उम्मीद है.यह आंकड़ा पिछले साल की 32 लाख शादियों से काफी अधिक है.
दूसरे मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय विवाह उद्योग में जोरदार सुधार हो रहा है, जो 7-8 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है.भारत में हर साल लगभग 10 मिलियन शादियाँ होती हैं, जो सालाना अनुमानित 130 बिलियन डॉलर के व्यय में योगदान देती हैं, जिससे यह देश का चौथा सबसे बड़ा उद्योग बन जाता है.CAIT सर्वेक्षण से पता चलता है कि इस साल 15 जनवरी से 15 जुलाई तक 4.2 मिलियन से अधिक शादियों में 5.5 ट्रिलियन रुपये का अनुमानित व्यय हुआ.
उद्योग की वृद्धि को हाल ही में नीतिगत बदलावों से और भी बल मिला है, जैसे कि सोने के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करना. इस कदम से सोने की खरीद को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो कीमती धातु के सांस्कृतिक महत्व और निवेश अपील से प्रेरित है. इससे जुड़े लोगों ने अनुमान के हिसाब से बताया कि शादियों में हमेशा खर्च में उछाल आता है.डेस्टिनेशन वेडिंग्स की लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है.ज़्यादातर जोड़े विदेशी जगहों पर शादी की शपथ लेना पसंद कर रहे हैं, जिससे वे खुद और अपने मेहमानों के लिए छुट्टी मनाने के साथ-साथ शादी के अनुभव को भी जोड़ पा रहे हैं.राजस्थान और गोवा भारत में सबसे ज़्यादा पसंद किए जाते हैं.