अफजाल की बेटी को मिल गया ऐसा चुनावी चिन्ह, जिससे राजभर समेत बीजेपी की बढ़ गई टेंशन!

यूपी में चल रही है….वो अब रोमांचक मोड़ पर आ गई है.क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए अब सिर्फ दो ही चरणों का मतदान रह गए है.

डिजिटल स्टोरी– मिशन-24 के लिए जो जंग,,, यूपी में चल रही है….वो अब रोमांचक मोड़ पर आ गई है.क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए अब सिर्फ दो ही चरणों का मतदान रह गए है.इसलिए बची हुई सीटों पर चुनावी मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प हो जाएगा.

मगर इस वक़्त जो सबसे ज्यादा दिलचस्प सीट है वो है गाजीपुर लोकसभा सीट. क्योंकि कुछ ऐसा ही हो गया है इस सीट पर…अफजाल अंसारी तो चुनावी रण में दिखाई ही दे रहे है.उनके सामने बीजेपी ओर से पारसनाथ राय टक्कर देते हुए दिखाई देंगे.लेकिन इन दिनों इस सीट पर सियासत कुछ इस तरह से करवट ले रही है,मानों जिसका खामियाजा ओपी राजभर और बीजेपी को उठाना पड़ सकता है.

मसलन…अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत अंसारी पिता के पक्ष में प्रचार-प्रसार करते हुए काफी समय तक दिखाई दी.इसके बाद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर भरे गए नुसरत के दोनों पर्चे निरस्त हो गए थे. लिहाजा, अब वो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ सकेंगी.खास बात ये है कि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नुसरत को जो चुनाव चिन्ह मिला है. वो छड़ी का निशान है…..और बताते चलें कि यहीं सिबल सुभासपा यानी की ओपी राजभर की पार्टी का भी है.

अब राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं और सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि नुसरत का निर्दलीय चुनाव लड़ना तो ठीक है.पर उन्हें जो सिबल मिला है. वो राजभर के लिए चिंता का विषय बन गया है.और तो और नुसरत के छड़ी के निशान से राजभर वोटों में बड़ी सेंधमारी गाजीपुर सीट पर हो सकती है. इससे राजभर और एनडीए की चुनाव प्लानिंग खराब हो सकता है.

सियासी नजरिए से देखा पूर्वांचल की सीटें चुनावी जंग के काफी अहम मानी जाती है.अब अगर चुनावी चिन्ह के चक्कर में वोटर्स गुमराह होता है.तो इससे समाजवादी पार्टी को तो फायदा ही होगा. पर नुकसान बीजेपी पार्टी को होगा.एक तरीके से देखा जाए तो बीजेपी के साथ गाजीपुर में खेला हो सकता है.अगर राजभर मतदाता बंट गए तो, गाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनावी खेल पूरी तरीके से बदल जाएगा.इसी तरीके से बलिया लोकसभा सीट पर तिकड़म खेल दिया गया है.बलिया में भी 7वें चरण में मतदान होना है.वहां पर भी सुमेश्वर निर्दलीय प्रत्याशी को छड़ी का चुनाव चिन्ह दे दिया गया है.

अब ये देखना वाली बात ये होगी इस चुनावी चिन्ह वाले प्रयोग से विपक्ष खेमे को अगर फायदा होता है दूसरी ओर सत्ताधारी पक्ष को नुकसान हो जाता है. तो कहीं गाजीपुर और बलिया की सीट पर क्या नतीजे निकलेंगे. ये देखने वाली बात होगी…

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