रिपोर्ट – नरेंद्र प्रताप
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े समाजवादी परिवार से अलग हुए शिवपाल सिंह इन दिनों समाजवादी पार्टी में रीएंट्री चाहते हैं. शिवपाल सिंह यादव सपा में आमद के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उस बड़े दल का साथ चाहते हैं, जिसकी सुबह में सरकार बने. सत्ता सुख से वंचित शिवपाल को अब फिर से सत्ता में बड़े ओहदे की तलाश है.
मेरठ में सामाजिक परिवर्तन यात्रा लेकर पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह की बातचीत का पूरा फोकस सत्ता में भागीदारी को लेकर था. उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद यूपी के सिंहासन पर काबिज होने वाली पार्टी के साथ अपने गठबंधन की बात कही और यह भी साफ किया कि एक राष्ट्रीय पार्टी के साथ इसलिए गठबंधन चाहते हैं जिससे सत्ता उनके हाथ में रहे.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस है, शिवपाल ने कहा कि वक्त का इंतजार करिए. पत्रकारों ने यह भी सवाल किया कि उत्तर प्रदेश की सियासत में कांग्रेस हाशिए पर है, ऐसे में वह सत्ता में आने से रही. तो क्या वह भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे? शिवपाल ने जवाब दिया कि उनकी सीधी लड़ाई भाजपा से है. भाजपा ने जनता से किए हुए वादे पूरे नहीं किए. किसान, मजदूर, नौजवान सब परेशान हैं. रोजीरोटी तबाह हो चुकी है और चारों ओर बेरोजगारी है. इसलिए भाजपा से गठबंधन का तो सवाल ही नहीं उठता.
आधी प्रेसवार्ता के बाद शिवपाल की बातचीत का दायरा समाजवादी परिवार तक सिमट कर रह गया. अपने बयानों से शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से गठबंधन को आतुर दिखे. उन्होंने कहा कि वह इंतजार कर रहे हैं. नेता जी ने कहा है कि वह अखिलेश से बात करेंगे. अगर अखिलेश नहीं मानते तो नेता जी ने उनसे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रचार का वायदा किया है.
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने सपा से अलग होने के बाद जो 5 गांव मांगे थे, उस पर आज उनका क्या स्टैंड है? शिवपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने 5 गांव भी नहीं मांगे. वह चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी उनके पीछे आने वाली पलटन का सम्मान करें. उनके जिताऊ उम्मीदवारों का सम्मान करें. और फिर अंत में उनका सम्मान करें. इतने से बात बन जाएगी. पूरा दारोमदार नेताजी के ऊपर है. नेताजी सैफई बुलाकर हमें और अखिलेश को बिठायें और जो तय कर देंगे, वह फैसला हमें मंजूर है.
शिवपाल सिंह यादव अपनी पार्टी के प्रचार के लिए आधे उत्तर प्रदेश का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा के जरिए पार्टी की विचारधारा और 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर अपने मुद्दे जनता के सामने साफ किए हैं. वृन्दावन से शुरू हुई उनकी रथयात्रा अब तक रुहेलखण्ड, बुंदेलखंड, मध्य यूपी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है.