Agnipath scheme: युवाओं के लिए सेना में मौका, 30 हजार का मंथली पैकेज…जानें क्या है ‘अग्निपथ योजना’

सेना में भर्ती के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भर्ती प्रक्रिया में नए बदलाव किए है। जिसके तहत ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ का ऐलान किया गया है। बता दें इस योजना के तहत सेना में चार साल के लिए युवाओं को भर्ती कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें नौकरी से छोड़ते वक्त सेवा निधि पैकेज मिलेगा। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा।

अग्निपथ योजना के तहत युवाओ को सेना में चार साल तक सेवा देने का मौका मिलेगा। इस दौरान सुवाओ को सेना के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। अग्निवीरों को आकर्षण वेतन भी मिलेगा। सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए और अवसर दिए जाएंगे। चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा। इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले ज्यादातर जवानों को चार साल बाद मुक्त कर दिया जाएगा। हालांकि, कुछ जवान अपनी नौकरी को जारी रख सकेंगे।

इस योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल के युवाओं को मौका मिलेगा। युवाओ को10 हफ्ते से 6 महीने तक ट्रेनिंग होगी। 10/12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे। 90 दिन अग्निवीरों की पहली भर्ती होगी। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। वहीं, अगर कोई अग्निवीर डिसेबिल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा। पूरे देश में मेरिट के आधार पर भर्तियां होंगी। जो लोग इन भर्ती परीक्षा में चयनित होंगे, उन्हें चार साल के लिए नौकरी मिलेगी।

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का सालाना पैकेज मिलेगा। चौथी साल तक बढ़कर ये 6.92 लाख तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा अन्य रिस्क और हार्डशिप भत्ते भी मिलेंगे। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को 11.7 लाख रुपए की सेवा निधि दी जाएगी। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

बता दें कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए जवान सेना में चार साल तक अपनी सेवा दें सकेंगे। चार साल बाद सेवा से मुक्त कर दिए जाएंगे जवान इस योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। हालांकि, चार साल के बाद ज्यादातर जवानों को उनकी सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। चार साल के अंतराल के बाद जिन युवाओं को सेना की नौकरी से मुक्त किया जाएगा, उन्हें दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में भी सेना एक सक्रिय भूमिका निभाएगी।

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