देश में बीते मंगलवार को रक्षा मंत्रालय भारतीय सेना में टूर ऑफ ड्यूटी या अग्निपथ योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. शुरुआत में इस योजना के तहत 17 साल 6 महीने से 21 साल के युवाओं को 4 साल के शॉर्ट टर्म के लिए सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में भर्ती किए जाने का प्रावधान था, लेकिन इस बीच योजना के लागू होने के ठीक 1 दिन बाद से ही सैन्य बलों की भर्ती प्रक्रिया की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. देश भर में जगह-जगह सेना भर्ती के युवा उम्मीदवारों ने कड़ा विरोध हो रहा है.
इतने बड़े स्तर पर देश के युवाओ का प्रदर्शन देखकर सरकार बैकफुट पर आ गई और अंततः गुरुवार देर रात सरकार में आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अग्निपथ योजना के अंतर्गत आयु सीमा में विस्तार किए जाने की जानकारी दी. केंद्र सरकार द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक अब से अग्निपथ योजना के लिए आयु सीमा को 2 साल और बढ़ा दिया गया है.
वहीं, सरकार के उम्र सीमा बढ़ाने के फैसले के बाद भी युवाओ के मन में इस योजना को लेकर कई दुविधाए है. जिसे लेकर छात्र सरकार से सवाल कर रहे है. नौजवानों का पहला सवाल है कि, चार साल की नौकरी का मतलब हुआ कि चार साल बाद वो बेरोजगार हो जाएंगे. लेकिन सरकार की दलील है कि उनको दूसरी नौकरियों में तरजीह दी जाएगी.
युवा का सरकार से सवाल कर रहे है कि चार साल बाद 75 फीसदी सैनिक जो वापस कर दिए जाएंगे उनके भविष्य का क्या होगा. वही सरकार दलील दें रही है कि नई योजना से सेना ज्यादा युवा होगी, ज्यादा जोश से काम करेगी और उसकी औसत आयु कम होगी.