
Uttar Pradesh: जहां एक ओर समाज समानता और सामाजिक समरसता की ओर बढ़ने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर जातिवाद की दीवारें आज भी लोगों के दिलों में नफरत और अहंकार बो रही हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज और शर्मनाक मामला आगरा के एत्मादपुर थाना क्षेत्र के छलेसर चौकी अंतर्गत सामने आया है, जहां ठाकुर समाज के दबंगों ने एक दलित दूल्हे की बारात पर हमला बोल दिया।
क्या है पूरा मामला?
घटना बीते दिन की है जब मथुरा से एक दलित युवक की बारात गढ़ी रामी, छलेसर स्थित कृष्णा गार्डन में शादी के लिए पहुंची थी। लेकिन दूल्हा न तो घोड़ी चढ़ सका और न ही बैंड-बाजे के साथ बारात निकाल सका। बेखौफ दबंगों की धमकियों के कारण बारात पैदल ही चुपचाप मैरिज होम तक पहुंची।
लेकिन यहीं नहीं रुकी हैवानियत… जैसे ही बारात कृष्णा गार्डन पहुंची, ठाकुर समाज के कुछ दबंगों ने वहां धावा बोल दिया। दूल्हे को सड़क पर कोलर पकड़कर पटक दिया गया और फिर जमकर पीटा गया। यही नहीं, घराती और बारातियों से भी बुरी तरह मारपीट की गई। घटना के दौरान चीख-पुकार मच गई, लेकिन मौके पर मौजूद लोग डर के मारे कुछ नहीं कर सके।
वीडियो हुआ वायरल, आरोपी दबंग फरार
मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह दलित दूल्हे को बीच सड़क पर पीटा जा रहा है। पीड़ित परिवार ने करीब आधा दर्जन नामजद और 20 अज्ञात दबंगों के खिलाफ तहरीर दी है।
शादी की खुशियों पर मातम
बारातियों ने खाना तक नहीं खाया। डर, अपमान और गुस्से के बीच सभी लोग वापस लौट गए। दूल्हा-दुल्हन की शादी तो हुई, लेकिन खुशियों के बजाय बारातियों के दिलों में डर और सदमा छा गया।
ठाकुर समाज के घरों के सामने बारात निकालने पर भड़के दबंग
बताया जा रहा है कि बारात ठाकुर समाज के घरों के सामने से निकाली गई थी, जिससे दबंग नाराज़ हो गए और उन्होंने जातीय घृणा से प्रेरित होकर हमला कर दिया।
लेकिन सवाल अब भी खड़े हैं…
थाना एत्मादपुर पुलिस और छलेसर चौकी टीम मामले की पड़ताल में जुटी हुई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर ये सवाल खड़े कर दिए हैं…क्या दलित समाज को आज भी बराबरी का हक नहीं है? क्या बारात निकालने जैसे मौलिक अधिकार के लिए भी अब जाति पूछी जाएगी? क्या आरोपी दबंगों को कड़ी सजा मिलेगी या मामला रफा-दफा हो जाएगा?
न्याय की मांग
पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। समाज के जागरूक लोग भी इस घटना पर गहरा आक्रोश जता रहे हैं, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की परीक्षा की घड़ी है। अब देखना यह है कि कानून और संविधान का राज चलता है या फिर जाति के नाम पर दबंगई हावी रहती है।









