
BPSSC ASI Exam: प्रतियोगात्मक परीक्षा में नकल पर नकेल कसने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद ली जा रही है। इसका पहला प्रयोग बिहार दरोगा भर्ती के प्रारंभिक परीक्षा में किया जा रहा है। इस परीक्षा में छह लाख 60 हजार लोग शामिल हो सकते हैं। परीक्षा का आयोजन दो पालियों में किया जाएगा। 1275 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा के लिए 613 केन्द्र बनाए गए हैं।
BPSC के अध्यक्ष केएस द्विवेदी ने प्रेसवार्ता में बताया कि, किया कि अब प्रश्नपत्र लीक होने की कोई गुंजाइश नहीं है। परीक्षा केन्द्रों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए 16 हजार पांच सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।
एआई की मदद से दोबारा, नाम-पता या पहचान बदलकर परीक्षा देने वाले पकड़े जाएंगे। जिसे पिछली परीक्षा में किसी तरह का कदाचार करते पकड़ा गया है, वह अभ्यर्थी भी परीक्षा में नहीं बैठ पाएगा। क्योंकि कदाचार करते हुए पकड़े गए अभ्यर्थियों को तीन साल के लिए आयोग की ओर से परीक्षा से वंचित कर दिया जाता है।
BPSC के अध्यक्ष केएस द्विवेदी ने बताया कि प्रश्न पत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर यूनिक कोड होगा। यदि कहीं कोई प्रश्नपत्र वायरल होता है तो कुछ समय में ही पता चल जाएगा कि किस परीक्षा केन्द्र से हुआ।









