भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में AIFs का ₹74,000 करोड़ का निवेश, सबसे अधिक निवेश

जो फंड की कमी से जूझ रही हैं।" AIFs के माध्यम से घरेलू और विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाई जाती है, जिससे यह एक टिकाऊ और scalable वित्तपोषण प्रणाली बनता है।


नई दिल्ली, 21 अप्रैल: भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) ने दिसंबर 2024 तक ₹74,000 करोड़ का निवेश किया, जो सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट अनारॉक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, AIFs ने भारतीय रियल एस्टेट में कुल 15% शेयर के साथ निवेश किया।

AIFs का बढ़ता प्रभाव: रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश
AIFs, जो निजी पूल किए गए निवेश वाहन होते हैं, भारतीय और विदेशी निवेशकों से पूंजी एकत्र करते हैं और इसे परिभाषित निवेश नीति के तहत निवेश करते हैं। अनारॉक के अनुसार, रियल एस्टेट क्षेत्र में AIFs ने अब तक ₹73,903 करोड़ का निवेश किया है।

अन्य क्षेत्रों में AIFs का निवेश

  • IT/ITeS: ₹30,279 करोड़
  • वित्तीय सेवाएं: ₹26,807 करोड़
  • NBFCs: ₹21,929 करोड़
  • बैंक: ₹21,273 करोड़
  • फार्मा: ₹18,309 करोड़
  • FMCG: ₹12,743 करोड़
  • रिटेल: ₹11,550 करोड़
  • नवीकरणीय ऊर्जा: ₹11,433 करोड़

AIFs का रियल एस्टेट में बढ़ता योगदान
अनारॉक के अनुसंधान प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा, “AIFs ने भारतीय रियल एस्टेट फाइनेंसिंग को बदल दिया है, और यह उन परियोजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन गया है जो फंड की कमी से जूझ रही हैं।” AIFs के माध्यम से घरेलू और विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाई जाती है, जिससे यह एक टिकाऊ और scalable वित्तपोषण प्रणाली बनता है।

AIFs की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि
पिछले दशक में AIFs की संख्या 36 गुना बढ़ी है। मार्च 2013 में जहां केवल 42 AIFs सक्रिय थे, वहीं अब मार्च 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 1,524 हो गई है।

विपणन दृष्टिकोण में बदलाव: रियल एस्टेट अब वित्तीय उत्पाद बन चुका है
मुंबई स्थित Mt. K Kapital की फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर बिनिता दलाल ने कहा, “AIFs के माध्यम से रियल एस्टेट का निवेश अब केवल भौतिक संपत्ति नहीं, बल्कि वित्तीय पोर्टफोलियो का हिस्सा बन गया है।”

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