
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विद्रोही गुट अजित पवार ने शरद पवार को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। जिसका शरद पवार ने दो दशकों से अधिक समय तक स्थापित और नेतृत्व किया था। सूत्रों के मुताबिक अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में भी इसका उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा जताया है।
गौरतलब है कि अजित पवार ने 3 दिन पहले बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चाचा ही रहेंगे। इसके बाद आज अपनी बात से पलटते हुए उन्होंने अपने बगावती तेवर दिखाए हैं, पार्टी पर अपना दावा ठोकते हुए चाचा शरद पवार को अध्यक्ष पद से हटा दिया हैं और खुद इसे संभाला हैं।
शरद पवार ने कहा है कि वह संख्या और यहां तक कि चुनाव चिह्नों की भी अनदेखी करना पसंद करेंगे, साथ ही उन्होंने समर्थकों को आश्वासन दिया कि उन्हें चुनाव चिह्न से वंचित नहीं किया जाएगा।
शरद पवार ने आगे कहा, “आज की चर्चा यह है कि किसके कितने विधायक हमारे साथ हैं। मैं इस पर ध्यान नहीं देता। पहले मेरे पास 68 विधायक थे, जब मैं कुछ समय के लिए बाहर गया तो 62 हमें छोड़कर चले गए, मेरे पास सिर्फ छह थे… चुनाव में, 62 में से केवल चार ही वापस आ सके। हमने नए चेहरों के साथ जीत हासिल की,”
शरद पवार ने जारी रखते हुए आगे कहा, “अगर कोई कहता है कि वे हमारा चुनाव चिन्ह ले लेंगे – तो मैं आपको बता दूं कि पार्टी का चुनाव चिन्ह हमारे पास रहेगा, वह कहीं नहीं जाएगा।









